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पूर्वांचल के 10 जिलों में चिह्नित किए गए 7585 अपराधी, चुनाव में चुनौती होंगे हिस्ट्रीशीटर

देश के अन्य हिस्सों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल में निष्पक्ष चुनाव कराना निर्वाचन आयोग के सामने चुनौती होती है। इस बार भी आयोग के सामने यह चुनौती रहेगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 04:11 PM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2019 06:07 PM (IST)
पूर्वांचल के 10 जिलों में चिह्नित किए गए 7585 अपराधी, चुनाव में चुनौती होंगे हिस्ट्रीशीटर
पूर्वांचल के 10 जिलों में चिह्नित किए गए 7585 अपराधी, चुनाव में चुनौती होंगे हिस्ट्रीशीटर

वाराणसी, जेएनएन। देश के अन्य हिस्सों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल में निष्पक्ष चुनाव कराना निर्वाचन आयोग के सामने चुनौती होती है। इस बार भी आयोग के सामने यह चुनौती रहेगी। इसमें एक प्रमुख कारण क्षेत्र विशेष में अपराध और अपराधी होते हैं। उत्तर प्रदेश में चुनाव के सात चरणों को देखें तो इसे समझा जा सकता है। शायद इसी का परिणाम है कि आयोग पूर्वांचल के पूर्वी हिस्से के वाराणसी, मीरजापुर, आजमगढ़ मंडल केे कुल 10 जिलों की 12 लोकसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान कराएगा। वाराणसी संसदीय सीट का मतदान सातवें चरण में होगा तो जनपद की एक अन्य विधानसभा सीट पिंडरा जो मछलीशहर लोकसभा के अंतर्गत आती है उसका चुनाव छठें चरण में ही हो जाएगा। 

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चुनाव की चुनौतियों को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। सभी 10 जिलों में पुलिस ने सात हजार 585 हिस्ट्रीशीटरों को चिह्नित किया है। इसमें सर्वाधिक 1453 हिस्ट्रीशीटर गाजीपुर जनपद में हैं। वहीं वाराणसी में 1197 और जौनपुर में 1055 अपराधी चिह्नित किए गए हैं।

इन 10 जिलों में से 784 विभिन्न जेलों में बंद हैं जिसमें सर्वाधिक 396 गाजीपुर की जेल में बंद हैं। इसी प्रकार वाराणसी में 89, मीरजापुर में 78 और गाजीपुर में 70 हिस्ट्रीशीटर विभिन्न जेलों में बंद हैं। इसके अलावा 684 हिस्ट्रीशीटर फरार हैं या दूसरे जिलों अथवा प्रदेशों में शरण लिए हुए हैं। इसमें सर्वाधिक वाराणसी के 278 अपराधियों का अता-पता नहीं है। गाजीपुर से 105 और जौनपुर से 112 अपराधी फरार हैं। पुलिस को उनके ठिकाने का पता नहीं है। अपराधी जेल में बंद हों या फरार दोनों ही कानून व्यवस्था के लिए चुनौती होते हैं। बहुत बार जेल के अंदर निरुद्ध बदमाश अपने गुर्गों की बदौलत अपराध को अंजाम देते रहे हैं। इसी प्रकार फरार हिस्ट्रीशीटर को पुलिस तलाशती है कहीं और वे वारदात को अंजाम देते हैं कि अन्य जिले में हैं। लापता का हाल तो यह है कि पुलिस की मानें तो आजमगढ़ जनपद के 83 अपराधी विदेशों में शरण लिए हुए हैं। जेलों में बंद और फरार चल रहे उक्त हिस्ट्रीशीटरों के अलावा अन्य के खिलाफ गुंडा एक्ट और अन्य आपराधिक धाराओं में मुकदमें दर्ज हैं। 

निष्पक्ष चुनाव के लिए पुलिस प्रशासन ने अब तक 10 जिलों में 107/116 में 27202 लोगों को पाबंद किया है। यह तो अभी शुरुआत है। यह संख्या आने वाले दिनों में लाख से अधिक होगी। चुनाव को देखते हुए लोगों को पाबंद करने में जौनपुर पुलिस सबसे आगे है और अब तक 22 हजार लोगों को चिह्नित किया जा चुका है। अपराधियों के तो ये आंकड़े मात्र हैं इन दस जिलों में मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़ के अपराधी प्रदेश ही नहीं देश भर में आतंक का पर्याय बनते रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में चुनाव में इन अपराधियों की चुनौतियां बनी रहेगी। 

ये भी जानें

कुल जिले-10

कुल लोकसभा सीट-12

जेल में बंद अपराधी-784

जनपद से बाहर अपराधी-682

विदेश में मौजूद अपराधी-83

सर्वाधिक हिस्ट्रीशीटर गाजीपुर-1453

सबसे कम मीरजापुर-237


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