आइआइटी बीएचयू 730 छात्राओं को ठौर देगा, आइआइटी में बन रहा 'न्यू गर्ल्स हास्टल'
आइआइटी बीएचयू स्थित गांधी स्मृति महिला छात्रावास (ओल्ड) के ठीक बगल में बन रहे न्यू गर्ल्स हास्टल 130 छात्रों को ठौर देगा।
वाराणसी, जेएनएन। आइआइटी, बीएचयू स्थित गांधी स्मृति महिला छात्रावास (ओल्ड) के ठीक बगल में बन रहे 'न्यू गर्ल्स हास्टल' का कार्य अंतिम चरण में है। आधुनिक सुविधाओं से युक्त इस हास्टल का आवंटन मौजूदा सत्र से होगा। आइआइटी में लंबे समय से हास्टल की समस्या बनी हुई थी। मजबूरी में कई ब्वायज हास्टल को खाली कराकर गर्ल्स हास्टल में तब्दील किया गया था। इस कारण अन्य ब्वायज हास्टल दुर्दशा के शिकार थे। देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान में पढ़ने की लालसा या फिर करियर बनाने की मजबूरी, एक छोटे से कमरे में तीन से चार छात्र रहने को विवश थे।
हर पाठ्यक्रम में प्रतिवर्ष कुछ न कुछ सीटों की बढ़ोत्तरी की जा रही है। जल्द ही एक बार फिर एडमिशन का दौर शुरू होगा। मगर इस बार आवासीय समस्या का समाधान 'न्यू गर्ल्स हास्टल' करेगा। दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था आइडब्ल्यूडी के चेयरमैन प्रो. राजेश कुमार के अनुसार करीब 42 करोड़ रुपये की लागत से इस हास्टल का निर्माण दिसंबर 2016 में शुरू हुआ था। इस हास्टल में छात्राओं के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त 365 कमरे हैं। प्रत्येक कमरे में दो छात्राओं के रहने की व्यवस्था है, यानी हास्टल में कुल 730 छात्राएं रह सकेंगी। ग्राउंड फ्लोर सहित छह मंजिला भवन के प्रत्येक फ्लोर पर दिव्यांग छात्राओं के लिए वाशरूम विशेष तरीके से डिजाइन किए गए हैं। साथ ही सहूलियत के लिए लिफ्ट भी लगाई गई है।
पार्किंग के लिए नहीं भटकना होगा न्यू गर्ल्स हास्टल आधुनिक सुविधाओं से लैस है। मेस, लाइब्रेरी, जिम आदि की व्यवस्था ग्राउंड फ्लोर पर ही है। वहीं प्रत्येक फ्लोर पर छात्राओं की एक्टिविटी के लिए स्पेश एरिया भी रखा गया है। इंटरनेट की सुविधा, हर कमरे के आगे बालकनी के साथ ही साइकिल पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
आइआइटी-बीएचयू के हॉस्टल : सीवी रमन, मोर्वी, धनराजगिरी, राजपुताना, लिम्बडी, एससी डे, विवेकानंद, विश्वकर्मा, विश्वेश्वरैया, आर्यभट्ट-1, आर्यभट्ट-2, प्रो. एसएन बोस, डा. रामानुजन, आइआइटी गर्ल्स, गांधी स्मृति महिला छात्रावास ओल्ड व गांधी स्मृति महिला छात्रावास एक्सटेंशन।
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