पं. दीनदयाल की 63 फीट ऊंची प्रतिमा के लिए काटनी पड़ी आठ घंटे तक बिजली आपूर्ति
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 63 फीट ऊंची प्रतिमा को टेंगरा मोड़ से पड़ाव गन्ना शोध संस्थान तक नौ किमी की दूरी तय करने में पांच दिन लगे।
वाराणसी, जेएनएन। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 63 फीट ऊंची प्रतिमा को टेंगरा मोड़ से पड़ाव गन्ना शोध संस्थान तक नौ किमी की दूरी तय करने में पांच दिन लगे। गुरुवार को प्रतिमा पहुंचाने के लिए कई स्थानों पर वाहनों को रोककर रूट डायवर्जन करना पड़ा। जगह-जगह सड़क बनाने और बाधाएं दूर करने के लिए तीन जेसीबी समेत कई मजदूर साथ चल रहे थे। कई स्थानों पर बिजली के तारों को हटाया गया। शाम चार बजे गन्ना शोध संस्थान प्रतिमा पहुंचने पर वीडीए और कंपनी के अधिकारियों ने राहत की सांस ली। अब अगले चरण में प्रतिमा के हिस्सों को जोड़ने और उसके लोकार्पण की तैयारी की जाएगी।
इससे पूर्व गुरुवार की सुबह साढ़े दस बजे रतनपुर गाव से दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा लिए ट्रेलर आगे बढ़ा तो देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। रास्ते में लोग रुककर प्रतिमा को देखते और मोबाइल में फोटो कैद कर रहे थे। रतनपुर गांव से गन्ना संस्थान तक एक किमी की दूरी तय करने में पांच घंटे लगे। इस दौरान वीडीए के अधिशासी अभियंता राजकुमार, सहायक अभियंता अनिल यादव, अवर अभियंता अतुल मिश्र, अंकित कुशवाहा, जावेद अहमद, गौरव सिंह, संतोष मिश्र, सूरज आदि थे।
आठ घंटे काटनी पड़ी बिजली : पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पड़ाव तक लाने के लिए सड़क पर जगह-जगह बिजली के तार और केबिल हटाने पड़े। इसके चलते उस रास्ते की बिजली आठ घंटे काटनी पड़ी। बिजली नहीं होने पर कुछ लोगों ने उपकेंद्र और अभियंताओं को फोन कर नाराजगी जताई। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा सुरक्षित गन्ना संस्थान पहुंच गई है। शुक्रवार से ट्रेलर से प्रतिमा को सुरक्षित उतारने के साथ आगे का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों की टीम लगा दी गई है। मैं खुद मानीटरिंग कर रहा हूं। कोशिश है कि जल्द प्रतिमा खड़ी कर ली जाए। -राहुल पांडेय, उपाध्यक्ष वीडीए।
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