बिजली के लिए बनी 4822.92 करोड़ की योजना अधर में
जागरण संवाददाता वाराणसी धर्म नगरी काशी में बिजली के बुनियादी विस्तार के लिए बनी 4822.92 करोड़ की योजना अधर में लटक गई है। अब तक इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिए जाने से बनारस की बिजली व्यवस्था हांफ रही है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : धर्म नगरी काशी में बिजली के बुनियादी विस्तार के लिए बनी 4822.92 करोड़ की योजना अधर में लटक गई है। अब तक इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिए जाने से बनारस की बिजली व्यवस्था हांफ रही है। आए दिन पावर कट की समस्या से यहां के लोग जूझ रहे हैं। बनाए गए प्रस्ताव के तहत आगामी पांच साल की बिजली जरूरतों के मद्देनजर बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करना है।
वर्ष 2020 में फरीदाबाद की नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ने बनारस जनपद का सर्वे किया था। इसके लिए बिजली विभाग ने इस संस्था को दो करोड़ रुपये दिए थे। अक्टूबर में किए गए इस सर्वे के तहत शहरी क्षेत्र के सभी ऊपरगामी बिजली तारों को जहां अंडरग्राउंड करना है वहीं, सब स्टेशन, ट्रांसफार्मर, फीडर का पुनरूद्धार करते हुए नए सब स्टेशन बनाने हैं। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के अधीन इस संस्था ने 20 नए उपकेंद्रों की स्थापना करने, 14 सब स्टेशनों की क्षमता वृद्धि करने के साथ ही 1406 ट्रांसफार्मरों की क्षमता में बढ़ोतरी करने का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाया है। पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के तकनीकी निदेशक पीपी सिंह का कहना है कि रिवेमप्ड योजना के तहत बनारस की बिजली व्यवस्था को बेहतर किया जाएगा। इसके लिए समग्र रूप से प्लानिंग की गई है। शीघ्र ही बेहतरी की दिशा में काम शुरू होगा।
हर डिवीजन में 300 मीटर की महीने में डिमांड
जागरण संवाददाता, वाराणसी : बिजली के मीटरों का टोटा हो गया है। मांग के सापेक्ष सप्लाई नहीं होने से नए कनेक्शन लेने वाले बिना मीटर के ही बिजली उपभोग करने को विवश हैं। इससे निश्चित तौर पर विभाग को घाटा हो रहा है। वहीं कुछ उपभोक्ता मीटर के लिए विभाग का चक्कर काटने पर विवश हैं।
11 डिवीजन में बंटे बिजली विभाग को हर डिवीजन में 300 मीटर की महीने में डिमांड है लेकिन मीटर विभाग को हर डिवीजन में मात्र 50 मीटर ही मिल पा रहे हैं। झटपट पोर्टल से कनेक्शन लेने वाले रोजाना विभाग का चक्कर काट रहे हैं लेकिन उन्हें मीटर नहीं मिल पा रहा है जिससे वह मायूस होकर लौट रहे हैं। जनता की इस समस्या को लेकर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। नाम न छापने की शर्त पर एक विभागीय अधिकारी का कहना है कि मीटर की मांग के लिए टेंडर जारी किया गया है। शीघ्र ही आपूर्ति सामान्य होने की उम्मीद है। विधान सभा चुनाव के चलते टेंडर की प्रक्रिया रूकी थी।