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वाराणसी में पंचायत चुनाव में ड्यूटीरत 35 कर्मचारियों की हुई थी कोविड से मौत, अब मिलेगा परिजनों को लाभ

वाराणसी जिला निर्वाचन कार्यालय पंचायत का कहना है कि अब नए सिरे से 35 कर्मचारियों की कोविड से हुई मौत की जानकारी आयोग को दी जाएगी। सभी की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट फाइनल होने के बाद ही स्पष्ट होगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 02:33 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 02:33 PM (IST)
वाराणसी में पंचायत चुनाव में ड्यूटीरत 35 कर्मचारियों की हुई थी कोविड से मौत, अब मिलेगा परिजनों को लाभ
अब नए सिरे से 35 कर्मचारियों की कोविड से हुई मौत की जानकारी आयोग को दी जाएगी।

वाराणसी, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव् में ड्यूटीरत कर्मचारियों की मौत पर  30 लाख रुपये परिजनों को राहत  के नाम पर देने की पहले ही व्यवस्था थी लेकिन आयोग की गाइडलाइन इसमें सबसे अधिक रोड़ा बनी हुई थी। इसमें यह उल्लेख था कि ड्यूटी व घर पहुंचने के दौरान किसी की कोविड से मौत होने पर 30 लाख रुपये परिजनों को राहत के नाम पर दी जाएगी।

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इस आदेश के कारण जिले में पंचायत चुनाव के दौरान कोविड संक्रमण से हुई 35 कर्मचारियों की मौत के बाद परिजनों को लाभ मिलने की उम्मीद समाप्त हो गई थी। मुख्यमंत्री की ओर से इस आशय का आदेश दिया गया है कि पंचायत चुनाव के 30 दिन बाद तक किसी कर्मचारी की मौत हुई है तो उसके परिजन को 30 लाख मिलेगा।

जिले से सिर्फ एक कर्मचारी की रिपोर्ट भेजी गई आयोग को आयोग के गाइड लाइन तहत जिले से सिर्फ एक सिपाही की मौत की जानकारी भेजी गई है। ड्यूटी के दौरान इसकी मौत हो गई थी। यह 35 की सूची से अलग है।

अब 35 कर्मचारियों की रिपोर्ट अलग से भेजने की तैयारी

जिला निर्वाचन कार्यालय पंचायत का कहना है कि अब नए सिरे से 35 कर्मचारियों की कोविड से हुई मौत की जानकारी आयोग को दी जाएगी। सभी की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है ये सभी पंचायत चुनाव संपन्न होने के 30 दिन के अंदर ही मौत हुई है। बहरहाल, रिपोर्ट फाइनल होने के बाद ही स्पष्ट होगा। इसमें सर्वाधिक शिक्षक समेत 14 लोग शिक्षा विभाग से जुड़े हैं। इसके अलावा सिंचाई विभाग, आपूर्ति विभाग, लोक निर्माण समेत अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल हैं।

आश्रितों को नौकरी देने का पहले ही निर्देश

पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले के अलावा कोविड के दौरान हुई सरकारी कर्मियों की मौत के मामले में डीएम की ओर से पहले ही निर्देश दिया गया है कि आश्रितों को तत्काल नौकरी देने के कागजी कार्रवाई पूरी कर ली जाए। विभगाध्यक्षो को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।


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