वाराणसी में साइकिल की 30 फीसद मांग बढ़ी, छह महीने में कीमत में भी 25 फीसद तक वृद्धि
वर्तमान में विभिन्न कारकों से पनपे पर्यावरण प्रदूषण और बीमारु होते जीवन में स्फूर्त लाने के लिए साइकिल की महत्ता और भी बढ़ी है। बहरहाल साइकिल अब स्टाइलिश तो हो ही रही है साथ ही बीते छह महीने में इसके दामों में भी 25 फीसद तक की बढ़ोतरी हुई है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : सबकुछ बदल गया, लेकिन साइकिल एक स्वास्थ्यवर्धक साधन है इस विचार में कोई परिवर्तन नहीं आया है। बल्कि वर्तमान में विभिन्न कारकों से पनपे पर्यावरण प्रदूषण और बीमारु होते जीवन में स्फूर्त लाने के लिए साइकिल की महत्ता और भी बढ़ गई है। बहरहाल, साइकिल अब स्टाइलिश तो हो ही रही है साथ ही बीते छह महीने में इसके दामों में भी 15 से 25 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। जिसकी मुख्य वजह पेट्रोल और लोहे की महंगाई मानी जा रही है।
महंगाई से बदल रहा ग्राहकों का नजरिया
कुछ भी हो पेट्रोल की महंगाई का असर साइकिल की बिक्री में साफ झलकने लगा है। ग्राहकों ने वाहनों से अधिक साइकिल से चलना पसंद किया है। चंदौली निवासी रामनरेश बताते हैं कि घर से चार बार कहीं जाना-आना हो तो महंगे पेट्रोल के चलते काफी सोचना पड़ रहा है। ऐसे में साइकिल एक आसान और सस्ता विकल्प दिखा है। एक महीने के पेट्रोल खर्च में ही एक साइकिल खरीदा जा सकता है। इससे पर्यावरण और स्वास्थ्य तो ठीक ही रहेगा हर माह जेब ढीली करने से मुक्ति भी मिलेगी। बता दें कि बनारस के बाजार में साइकिल लुधियाना, चेन्नई और मुंबई से मंगाई जाती है। फिर यहां से साइकिल पूर्वांचल के विक्रेता खरीदारी करते हैं।
पिपलानी साइकिल के वरुण पिपलानी बताते हैं कि साइकिल के दाम में वृद्धि छह महीने में कई बार हुई है। लगभग 15 से 25 फीसद दाम बढ़े हैं। बावजूद पेट्रोल और लोहे की महंगाई के चलते बिक्री में 30 फीसद तक का इजाफा हुआ है।
एक नजर में साइकिल और उनके दाम
सामान्य साइकिल - 4700-7000
रेंजर साइकिल - 4500-10000
गियर साइकिल -9000 -25000
बच्चों की साइकिल - 1500-7000
बैट्रीचालित साइकिल - 25000-60000