फर्जीवाड़े से लिया तीन करोड़ मुआवजा, केस दर्ज
जागरण संवाददाता, वाराणसी : पहले तालाब और भीटा की जमीन को अपने नाम से दर्ज करवा लिया, फिर
जागरण संवाददाता, वाराणसी : पहले तालाब और भीटा की जमीन को अपने नाम से दर्ज करवा लिया, फिर नेशनल हाईवे-56 (वाराणसी से जौनपुर) की जद में भूमि आ गई तो करीब तीन करोड़ का मुआवजा ले लिया। शिकायत पर जांच बैठी तो मामला सही साबित हुआ। गुरुवार को न्यायालय उपसंचालक चकबंदी ने चार एकड़ भूमि को वापस तालाब व भीटे के नाम पर दर्ज कर दिया। मामले में दोषी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के भी आदेश हुए हैं। अब फर्जी दस्तावेज के आधार पर वसूली गई रकम की रिकवरी कराए जाने का आदेश होने वाला है।
एनएच-56 पर पिंडरा कैथोली के पास नागापुर गांव स्थित तीन एकड़ जमीन वर्ष 1985 के पहले तालाब और भीटे के नाम पर दर्ज थी, लेकिन उसके बाद क्षेत्र के सात लोगों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर उसे अपने नाम दर्ज करवा लिया। जब यह जमीन एनएच-56 के चौड़ीकरण के दायरे में आई तो सातों लोगों ने मुआवजा हासिल करने के लिए जिला प्रशासन को आवेदन किया। बिना जमीन की जांच के ही उन्हें एक वर्ष पहले करीब तीन करोड़ रुपये मुआवजा ले लिया। सभी ने मुआवजे की राशि खर्च भी कर दी। बाद में प्रकरण की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने जमीन की जांच कराने के आदेश दिए। उपसंचालक चकबंदी द्वारा प्रकरण की जांच पूरी कर ली गई। गुरुवार को उन्होंने आर्डर भी कर दिया। इसमें उन्होंने जमीन को वापस तालाब और भीटे के नाम पर दर्ज करवा दिया। साथ ही जमीन के फर्जीवाड़े में शामिल आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश भी दे दिए। उपसंचालक चकबंदी चंद्रिका यादव ने बताया कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन को तालाब व भीटा से अपने नाम दर्ज करवाया था। प्रकरण में चार एकड़ जमीन पर आरोपियों का नाम काट दिया गया है, अलावा इसके जमीन को वापस तालाब व भीटे के खाते में दर्ज कर दिया गया है। आरोपियों के खिलाफ संबंधित थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा रही है। चूंकि उन्होंने फर्जी दस्तावेज के आधार पर मुआवजा हासिल कर लिया, इसलिए उनसे रिकवरी के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जा रहा है। शासकीय अधिवक्ता अशोक वर्मा ने बताया कि अब मामले में अगली कार्रवाई को लेकर वह विशेष अध्याप्ति अधिकारी तक जाएंगे ताकि धनराशि की नियम संगत वसूली हो सके।
जमीन के कई मामले जांच के घेरे मे
इस फर्जीवाड़े के बाद कई नेशनल हाईवे पर जमीनों के बदले वितरित हुए मुआवजे की जांच नए सिरे से कराई जा रही है। कई बिंदुओं की रिपोर्ट जिला प्रशासन ने तलब कर ली है और बड़ी कार्रवाई के भी संकेत दिए हैं।