वाराणसी शहर में 292 जर्जर भवन, कानूनी दांवपेच में बंधे नगर निगम के हाथ
वाराणसी नगर में 292 जर्जर भवन हैं। ऐसे सरकारी व निजी भवनों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्ती की है। तोडऩे का आदेश दिया है ताकि हादसे रोके जा सकें लेकिन कानूनी दांवपेच में नगर निगम के हाथ बंधे हैं और ऐसे भवन हादसे को दावत दे रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। नगर में 292 जर्जर भवन हैं। ऐसे सरकारी व निजी भवनों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्ती की है। तोडऩे का आदेश दिया है ताकि हादसे रोके जा सकें, लेकिन कानूनी दांवपेच में नगर निगम के हाथ बंधे हैं और ऐसे भवन हादसे को दावत दे रहे हैं।
नगर निगम के रिकार्ड में वर्तमान में पांचों जोन मिलाकर 292 जर्जर भवन हैं। इनमें सर्वाधिक जर्जर भवन दशाश्वमेध व कोतवाली जोन में है। इसमें 100 से अधिक भवन केवल दशाश्वमेध जोन में हैं, जबकि कोतवाली में 100 से कम हैं। नगर निगम के मुख्य अभियंता सूरज पाल सिंह ने बताया कि जर्जर भवनों की लिस्ट तैयार की गई है। सबसे ज्यादा जर्जर भवन पक्के महाल यानी पुरानी काशी में हैं। इन भवन स्वामियों को नोटिस दी गई है। वहीं, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कारिडोर के हिस्से में भी काफी भवन जर्जर थे जिसे अब मंदिर प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। कारिडोर के जर्जर भवनों को लेकर पहले यह संख्या 342 से अधिक थी। नगर निगम ने जिन जर्जर भवनों को नोटिस दी है उनमें अधिकांश किरायेदारी का विवाद है। मालिक व किरायेदार के बीच विवाद में कोर्ट से स्टे होने के कारण नगर निगम उनको ध्वस्त नहीं कर पाता है। हालांकि, इन सबके बावजूद जिला मजिस्ट्रेट को पावर है कि वह जनहित में जर्जर भवन का आकलन कराकर उसे ध्वस्त कर सकता है।