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इस आरोप में अब तक 23 लोग जा चुके है जेल ; जमानत की प्रक्रिया कठिन, देना पड़ता है भारी हर्जाना

रेल दुर्घटनाएं रोकने को रेलवे फाटकों को ऑटोमैटिक सिस्टम से लैस करने के बाद फाटक तोडऩे वालों पर नियम भी सख्त कर दिया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 03:17 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:16 PM (IST)
इस आरोप में अब तक 23 लोग जा चुके है जेल ; जमानत की प्रक्रिया कठिन, देना पड़ता है भारी हर्जाना
इस आरोप में अब तक 23 लोग जा चुके है जेल ; जमानत की प्रक्रिया कठिन, देना पड़ता है भारी हर्जाना

जौनपुर, जेएनएन। रेल दुर्घटनाएं रोकने को रेलवे फाटकों को ऑटोमैटिक सिस्टम से लैस करने के बाद फाटक तोडऩे वालों पर नियम भी सख्त कर दिया गया है। गत दस माह में बंद हो रहे रेलवे फाटक पर अवरोध उत्पन्न करने, फाटक को तोड़कर भागने व गेटमैन से उलझने वाले 23 को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। अधिकांश लोगों को यह मालूम ही नहीं कि अब फाटक बंद होने व खुलने की निगरानी लखनऊ से होती है। एक बार फाटक बंद होने के बाद स्टेशन मास्टर तक ट्रेन के गुजरने तक कंट्रोल रूम से अनुमति लिए बिना गेट नहीं खुलवा सकते। बावजूद इसके अपने फायदे के लिए वाहन चालक आए दिन गेटमैन से इसे लेकर उलझते हैं।

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खालिसपुर से हरपालगंज तक अधिक दिक्कत

खालिसपुर वाराणसी रेलवे स्टेशन से लेकर हरपालगंज जौनपुर तक सबसे अधिक दिक्कत रहती है। जफराबाद-जौनपुर के मध्य फाटक संख्या 42-ए, सिटी रेलवे स्टेशन के मध्य 9-बी व श्रीकृष्णानगर फाटक संख्या 23-सी में आए दिन गेटमैन से झगड़े की शिकायतें मिलती हैं। जौनपुर जंक्शन के आरपीएफ प्रभारी शैलेष कुमार ने बताया कि जनवरी से अब तक रेलवे फाटक बंद होते समय अवरोध उत्पन्न करने वाले 15 लोगों पर कार्रवाई करते हुए जेल भेजा जा चुका है।

शाहगंज में आठ पर की गई कार्रवाई

शाहगंज रेलवे स्टेशन परिक्षेत्र में कुल 14 रेलवे फाटक हैं। यहां सबसे अधिक दिक्कत 58-ए के आजाद रेलवे फाटक पर होती है। शाहगंज-खेतासराय के मध्य एनएच पर होने की वजह से इस फाटक पर दिनभर वाहनों की आवाजाही रहती है। बीते दस माह में यहां रेलवे फाटक बंद होने के दौरान बाधक बनने पर आठ लोगों पर कार्रवाई की गई।

भारी-भरकम है जुर्माने की राशि

रेलवे फाटक टूटने के दौरान कई बार ट्रेन भी बाधित हो जाती है। ऐसे में ट्रेन रुकने के दौरान होने वाले नुकसान की भरपाई वाहन चालक से की जाती है। कई बार यह रकम लाखों में पहुंच जाती है। फाटक तोडऩे या गेटमैन से उलझने वाले वाहन चालकों को वाराणसी स्थित अपर मुख्य दंडाधिकारी रेलवे के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। जहां जेल के साथ जुर्माने की राशि तय की जाती है।

बोले अधिकारी - यात्री सुरक्षा के लिहाज से नियम को काफी सख्त कर दिया गया है। इसके तहत गेट तोडऩे वाले वाहन चालकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। ऐसे में रेलवे फाटकों पर गेटमैनों से नहीं उलझने में ही भलाई है। हल्की सी चूक बड़ी दुर्घटना की वजह बन सकती है। ऐसे में सभी वाहन चालकों से अपील है कि बंद रेलवे फाटक को किसी भी तरह पार करने का प्रयास न करें।

-संदीप यादव, आरपीएफ प्रभारी, शाहगंज।


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