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मनमानी फीस पर 17 विद्यालयों को जारी होगी नोटिस, एक लाख रुपये का अर्थदंड तय

शिक्षा विभाग निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने की तैयारी में जुटा हुआ है। इस क्रम में निजी स्कूलों में लिए जा रहे शुल्कों की जांच-पड़ताल पूरी कर ली गई है।

By Vandana SinghEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 07:22 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 11:20 AM (IST)
मनमानी फीस पर 17 विद्यालयों को जारी होगी नोटिस, एक लाख रुपये का अर्थदंड तय
मनमानी फीस पर 17 विद्यालयों को जारी होगी नोटिस, एक लाख रुपये का अर्थदंड तय

वाराणसी, जेएनएन। शिक्षा विभाग निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने की तैयारी में जुटा हुआ है। इस क्रम में निजी स्कूलों में लिए जा रहे शुल्कों की जांच-पड़ताल पूरी कर ली गई है। जांच के जद में जनपद के 17 विद्यालय आ रहे हैं जिन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

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 इन विद्यालयों ने उप्र स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम की अनदेखी कर मनमाने तरीके से शुल्क बढ़ाया है। जांच में इनकी पोल खुल गई है। इन्हें नोटिस देने की तैयारी भी लगभग पूरी कर ली गई है। डीआइओएस डा. वीपी सिंह ने बताया कि सप्ताहभर में स्पष्टीकरण न देने पर इन विद्यालयों के खिलाफ अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। पहली बार नियम का उल्लंघन करने पर ऐसे विद्यालयों पर एक लाख रुपये अर्थदंड लगाया जा सकता है।

अप्रैल शुरू होते ही निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायतें मिलनी शुरू हो गई थी। कई अभिभावकों ने डीएम व डीआइओएस से भी शिकायत है। आरोप है कि कई कान्वेंट स्कूल उप्र स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम की अनदेखी कर मनमाने तरीके से शुल्क बढ़ा दी है। तमाम आदेश-निर्देश के बावजूद कई विद्यालय अब भी निर्धारित दुकानों पर किताब, यूनिफार्म क्रय करने का अभिभावकों को सलाह दे रहे हैं। किताबों की सूची में बकायदा निर्धारित दुकानों का नाम भी दर्ज है। शिकायती पत्रों की जांच डीआइओएस पूरी करा ली है।  कई विद्यालयों ने मनमाने तरीके से शुल्क बढ़ाया है। ऐसे विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई होना तय है।

'' जांच में नियमों की अनदेखी कर मनमाने तरीके से 17 निजी विद्यालयों ने शुल्क बढ़ाया है। विद्यालयों को चिन्हित कर लिया गया है। उन्हें नोटिस देने की कार्रवाई भी चल रही है। तीन दिनों के भीतर इन विद्यालयों को नोटिस दे दी जाएगी। सिर्फ नोटिस ही नहीं, इन विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

-डा. वीपी सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक ।


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