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राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम के रडार से 15 केंद्र गायब, ग्रामीण क्षेत्र के कई केंद्रों की वेबकास्टिंग प्रभावित

यूपी बोर्ड परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद जनपद के 15 केंद्र लखनऊ स्थित राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम के रडार से गायब हो गए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 08:40 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 10:52 AM (IST)
राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम के रडार से 15 केंद्र गायब, ग्रामीण क्षेत्र के कई केंद्रों की वेबकास्टिंग प्रभावित
राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम के रडार से 15 केंद्र गायब, ग्रामीण क्षेत्र के कई केंद्रों की वेबकास्टिंग प्रभावित

वाराणसी, जेएनएन। यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गई। हाईस्कूल व इंटर में परीक्षाओं का आगाज हिंदी विषय की परीक्षा से हुआ। परीक्षा की वेबकास्टिंग के लिए इस बार सभी केंद्रों पर वॉयस रिकार्डर युक्त सीसी कैमरा राउटर भी लगाए गए हैं ताकि जिला से लगायत राज्य स्तर पर परीक्षा ऑनलाइन मानीटरिंग की जा सके। पहले ही दिन कई केंद्रों पर इंटरनेट कनेक्टविटी की समस्या सामने आई। परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद जनपद के 15 केंद्र लखनऊ स्थित राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम के रडार से गायब हो गए।

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लखनऊ स्थित राज्यस्तरीय कंट्रोल से केंद्रों का संपर्क टूटते ही शासन स्तर पर परीक्षा की मानीटरिंग के लिए गठित सेल का फोन बनारस के कंट्रोल रूम तक घनघनाने लगा। राजकीय क्वींस इंटर कालेज में गठित जनपदीय कंट्रोल रूम से तत्काल संबंधित केंद्रों से संपर्क किया। इंटरनेट कनेक्टविटी तो किसी केंद्र पर कम जीबी का नेट पैक की समस्या सामने आई। बहरहाल परीक्षा के पहले ही दिन ग्रामीण क्षेत्र कई केंद्रों का वेबकास्टिंग प्रभावित रहा। हालांकि  परीक्षा के दौरानजिला स्तरीय कंट्रोल रूम से केंद्रों का बराबर संपर्क रहने का दावा किया गया है।

सिम पैक वाले केंद्रों पर समस्या

ड आइओएस डा. वीपी सिंह ने बताया कि जिन केंद्रों ने नेट के लिए ब्रांड बैंड का कनेक्शन लिया है। उन केंद्रों पर परीक्षा की वेबकास्टिंग को लेकर किसी प्रकार की समस्या नहीं है। वहीं कुछ केंद्र सिम के नेट पैक परीक्षा की वेबकास्टिंग संचालित कर रहे हैं। ऐसे केंद्रों ने प्रतिदिन दो जीबी का डेटा पैक भरवाया है। सभी केंद्रों को सीसी टीवी कैमरे का फुटेज भी सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है। वीडियो डाउनलोड करने के चक्कर पर आधे घंटे में ही कई केंद्रों का डेटा खत्म हो गया। इसके चलते कई केंद्रों का लखनऊ से संपर्क टूट गया था। हालांकि जनपदीय कंट्रोल रूम से संपर्क बना हुआ था।

दस जीबी डेटा पैक लेने का निर्देश

पहले दिन परीक्षा की वेबकास्टिंग का हाल देखते हुए डीआइओएस ने सभी केंद्रों से कम से कम दस जीबी डेटा पैक लेने का निर्देश दिया है।

चलते-फिरते परीक्षा पर नजर

वॉयस रिकार्डरयुक्त सीसी टीवी कैमरा व राउटर से परीक्षा की ऑनलाइन मानीटङ्क्षरग की जा रही है। वहीं डीआइओएस ने अपने मोबाइल पर भी सभी केंद्रों को जोड़ लिए हैं। ऐसे में चलते-फिरते परीक्षा पर नजर बनाए हुए हैं। 

कंट्रोल रूम में हेडफोन नहीं

जिला स्तरीय कंट्रोल रूम में वॉयस सुनने के लिए हेडफोन की व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में कंट्रोल रूम से केंद्रों का हाल तो ऑनलाइन देखा जा सकता है लेकिन निरंतर आवाज सुनना संभव नहीं है।

सर्वर ने भी दिया धोखा

सभ  केंद्रों को परीक्षा के शुरू होने के आधे घंटे के भीतर परीक्षार्थियों की उपस्थिति व अनुपस्थिति का विवरण ऑनलाइन बोर्ड को देना था। वहीं पहले ही दिन बोर्ड के सर्वर ने धोखा दे दिया। सूबे में एक साथ सभी केंद्र उपस्थिति व अनुपस्थिति का विवरण वेबसाइट पर अपलोड करने के कारण सर्वर धीमा हो गया। केंद्रों को परीक्षार्थियों की उपस्थिति व अनुपस्थिति अपलोड करने में घंटों लग गए। 

कई केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों का टोटा

तमाम प्रयास के बावजूद परीक्षा के पहले दिन कई केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों की कमी देखी गई। प्रभु नारायण राजकीय इंटर कालेज में पांच बाह्य कक्ष निरीक्षक में से एक शिक्षक ही पहुंचे थे। इसी प्रकार सीएमजीएस इंटर कालेज में 21 में 17 कक्ष निरीक्षक गायब रहे।

मोबाइल फोन पर नजर

केंद्रों पर परीक्षार्थियों की जांच के दौरान मोबाइल फोन पर विशेष निगाह थी। गेट पर तैनात शिक्षकों की टीम परीक्षार्थियों से बार-बार मोबाइल फोन के बारे में पूछ रहे थे।

सीस टीवी कैमरे पर टिकी रही केंद्राध्यक्षों की निगाहें

वॉयस रिकार्डरयुक्त सीसी टीवी कैमरा व राउटर लगे होने के कारण परीक्षार्थी सिर झुकाए चुपचाप तीन घंटे तक कापियों पर लिखते रहें। परीक्षा के दौरान एक केंद्र पर एक कक्ष निरीक्षक कमरे बाहर निकल गए थे। जनपदीय कंट्रोल रूम तत्काल केंद्राध्यक्ष को फोन कर कक्ष निरीक्षकों को तीन घंटे तक परीक्षा हाल में ही रहने का निर्देश दिया। हालांकि परीक्षा की वेबकास्टिंग का मनोवैज्ञानिक प्रभाव परीक्षार्थियों से अधिक कक्ष निरीक्षकों पर देखा गया।


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