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    प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में वाराणसी के 128 युवाओं ने कराया पंजीकरण

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Tue, 19 Jul 2022 08:29 PM (IST)

    आत्म निर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना ( पीएमएफएमई ) काफी कारगर सिद्ध होने जा रही है। इस योजना के जरिए युवा कृषि उत्पाद से संबंधित इकाइयां स्थापित करके रोजगार सृजन और आय दोनों में बढ़ोतरी करेंगे।

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    वाराणसी के जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार

    जागरण संवाददाता, वाराणसी : आत्म निर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना ( पीएमएफएमई ) काफी कारगर सिद्ध होने जा रही है। इस योजना के जरिए युवा कृषि उत्पाद से संबंधित इकाइयां स्थापित करके रोजगार सृजन और आय दोनों में बढ़ोतरी करेंगे।

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    बीते एक साल में ही 128 युवाओं ने इकाई स्थापित करने के पंजीकरण किया है। जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार ने बताया की ओडीओपी में शामिल मिर्च ही नहीं बल्कि उद्यम की सूची में शामिल 30 खाद्य उद्योग के लिए योजना का लाभ प्राथमिकता के तौर पर दिया जाएगा।

    • पात्रता: योजनान्तर्गत पूर्व से स्थापित वह यूनिट पात्र होगी जिनमें 10 से कम कार्मिक कार्यरत हैं । इकाई का स्वामित्व आवेदक है तथा उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है तथा वह न्यूनतम कक्षा -8 उत्तीर्ण हो । एक परिवार का केवल एक व्यक्ति वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र होगा । परिवार से आशय स्वयं , पति-पत्नी और बच्चों से है ।
    • निजी उद्यमियों को सहायता : अपने उद्यम का उन्नयन करने के इच्छक व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी पात्र परियोजना रूपये प्रति उद्यम है। लाभार्थी का योगदान न्यूनतम 10 प्रतिशत होना चाहिए और शेष राशि बैंक से लाभार्थी को ऋण प्राप्त करना होगा। योजना में एफपीओ, स्वयं सहायता समूहों एवं को-आपरेटिव को 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान सहित सम्पूर्ण मूल्य से श्रृंखला समेत पूंजी निवेश के लिए सहायता प्रदान की जायेगी।
    • स्वयं सहायता समूहों को सीड कैपिटल कार्यशील पूंजी तथा छोटे उपकरणों की खरीद के लिए खाद्य प्रसंस्करण में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को 40 रूपये की दर से प्रारम्भिक पूंजी प्रदान की जायेगी । अनुदान के रूप में प्रारम्भिक पूंजी एसएचजी के संघ स्तर पर दी जायेगी जो बदले में एसएचजी को पुनः भुगतान किये जाने के लिए एसएचजी के माध्यम से ऋण के रूप में सदस्यों को दी जायेगी ।
    • कामन आधारभूत संरचना : एफपीओ या एसएचजी, सहकारिताओं, राज्य के स्वामित्व वाली एजेन्सियों और निजी उद्यमियों को सामान्य प्रसंस्करण सुविधा, प्रयोगशाला, वेयरहाउस, कोल्डस्टोरेज, पैकिंग एवं इन्क्यूबेशन सेण्टर समेत सामान्य अवसरंचना के विकास के लिए 35 प्रतिशत की दर से क्रेडिट लिंक्ड अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा ।
    • ब्राण्डिंग और मार्केटिंग के लिए सहायताः सामान्य पैकेजिंग और ब्राण्डिग विकसित करने , गुणवत्ता नियंत्रण, मानकीकरण के उपबन्ध के साथ सामान्य पैकिंग एवं ब्रांडिंग का विकास करने तथा उपभोक्ता फुटकर बिक्री के लिए खाद्य संरचना पैरामीटरों का अनुपालन करने के लिए ओडीओपी दृष्टिकोण अपनाते हुए योजना के अन्तर्गत एफपीओ या एसएचजी या सहकारिताओं अथवा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों, एसपीवी को ब्रांडिंग और मार्केटिंग सहायता दी जायेगी।
    • इन संगठनों को सहायता उनके द्वारा तैयार की गयी डीपीआर और राज्य नोडल एजेन्सी द्वारा दिये गये अनुमोदन के आधार पर दी जायेगी । ब्रांडिंग और विपणन के लिए सहायता कुल व्यय की 50 प्रतिशत तक सीमित होगी।
    • योजना के लिए आवेदन प्रक्रियाः योजना में सहायता प्राप्त करने के इच्छुक मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण यूनिटें एफएमई पोर्टल पर आवेदन कर सकती हैं । क्षेत्र स्तरीय सहायता के लिए नियोजित जिला रिसोर्स पर्सन डीपीआर तैयार करने, बैंक ऋण प्राप्त करने, आवश्यक पंजीकरण तथा एफएसएसएआई के खाद्य मानकों , उद्यम आधार एंव जीएसटी प्राप्त करने के लिए हैण्ड होल्डिंग सहायता उपलब्ध करायेंगे । एफपीओ या स्वयं सहायता समूहों या सहकारिताओं , सामान्य अवसंरचना एवं विपणन तथा ब्रांडिंग के समर्थन के लिए आवेदन डीपीआर समेत जिला नोडल एजेंसी को प्रेषित किया जायेगा।
    • जिला नोडल एजेन्सी अनुदान के लिए परीक्षण करते हुए बैंक ऋण के लिए संस्तुत करेंगे। सरकार द्वारा अनुदान ऋणदाता बैंक में लाभार्थी के खाते में जमा किया जाएगा। यदि ॠऋण की अंतिम किश्त के संवितरण के तीन वर्ष की अवधि व लाभार्थी खाता अभी भी मानक के अनुरूप हो और उद्यम प्रचालनशील हो तो यह राशि लाभार्थी के बैंक खाते में समायोजित की जायेगी। ऋण में अनुदान राशि के लिए बैंक द्वारा कोई ब्याज नहीं लिया जायेगा।