श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कारिडोर निर्माण के लिए 127.50 करोड़ जारी, दूसरे चरण में निर्माण कार्य के लिए शासनादेश जारी
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण-सुंदरीकरण योजना के दूसरे चरण में निर्माण कार्य के लिए प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति का शासनादेश जारी कर दिया गया है।
वाराणसी, जेएनएन। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण-सुंदरीकरण योजना के दूसरे चरण में निर्माण कार्य के लिए प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति का शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रथम किस्त के रूप में 127.50 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं। इसे महानिदेशक पर्यटन के जरिए कार्यदायी एजेंसी लोक निर्माण विभाग के खाते में दिया जाएगा। इस खास परियोजना के तहत ही बाबा दरबार से गंगा तट तक कारिडोर का निर्माण किया जाना है। इसे 31 दिसंबर 2021 तक पूरा कर लिया जाना है।
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की ओर से 11 अक्टूबर को जारी शासनादेश में निर्माण कार्य शुरू करने से पहले पुरातत्व समेत विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की शर्त रखी गई है। प्रस्तावित मद के अनुसार कार्य के लिए प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। समिति में पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता, काशी विश्वनाथ मंदिर विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के सीईओ सदस्य होंगे। मकराना मार्बल की खरीद व स्थापना कार्य का भी समिति अनुमोदन करेगी। पीएम ने मार्च में किया था भूमि पूजन मंदिर विस्तारीकरण व सुंदरीकरण परियोजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च में भूमि पूजन किया था।
कंसल्टेट कंपनी एचसीपी की ओर से तैयार ड्राइंग, डिजाइन व 461 करोड़ रुपये के व्ययानुमान समेत डीपीआर अगस्त में शासन को भेजा था। ईएफसी ने फर्नीचर समेत विभिन्न खर्च में कटौती करते हुए 318.67 करोड़ रुपये प्लस जीएसटी पर सहमति जताई और एक अक्टूबर को कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी थी। भवन खरीद पर खर्च हुए 398 करोड़ प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के साथ 2017-18 में काशी के पहले प्रोजेक्ट के रूप में बाबा दरबार से गंगा तट तक कारिडोर का खाका खींचा गया था। इसके लिए काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद का गठन किया गया है। इस योजना में 296 भवनों के आने का आकलन किया गया। खरीद मद में 398 करोड़ रुपये पहले चरण में दिए जा चुके हैं। फिलहाल लगभग एक दर्जन भवनों की खरीद शेष है। अपर मुख्य सचिव गृह-गोपन व धर्मार्थ की अध्यक्षता में एक सप्ताह पहले बैठक में शेष भवनों के अधिग्रहण का निर्णय लिया जा चुका है।