मतदान केंद्र पर पहचान के 12 विकल्प, आयोग ने खोला सुविधाओं का पिटारा
भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान की प्रतिशतता को सौ फीसद तक पहुंचाने के लिए विकल्पों का पिटारा खोला है। एक-दो नहीं बल्कि मतदान केंद्र पर पहचान के लिए 12 विकल्प दे रखे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान की प्रतिशतता को सौ फीसद तक पहुंचाने के लिए विकल्पों का पिटारा खोला है। एक-दो नहीं बल्कि मतदान केंद्र पर पहचान के लिए 12 विकल्प दे रखे हैं। इसे जमीन पर उतारने को शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
चुनावों में वोटर लिस्ट में नाम होने के बावजूद मतदान केंद्र से बहुतों को बैरंग होना पड़ता है। दरअसल, कई बार वोटरों के समक्ष पहचान का संकट आ खड़ा होता है। इस दुश्वारी को शून्य के स्तर पर ले जाने को मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकारी एवं निजी क्षेत्र की लिमिटेड कंपनियों के सर्विस पहचानपत्र, बैंक, डाकघर के पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजनाओं के स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, पेंशन दस्तावेज, जिसमें फोटो लगी हो, सरकारी पहचान पत्र, आधार कार्ड पहचान का आधार बनाया गया है। जिला निर्वाचन कार्यालय में भी रोजाना कई तरह के सवालों का जवाब जानने को लोग पहुंच रहे हैं। यहां पहचान पत्रों के बारे में बताने के साथ ही विकल्पों को चस्पा किया गया है।