वाराणसी में बुढ़ापे में सहारा पाने को बढ़े हाथ, 3000 रुपये पेंशन के लिए 11714 ने कराया पंजीयन
बुढ़ापे में तीन हजार रुपये पेंशन के लिए 11714 लोगों के पंजीयन के साथ वाराणसी प्रदेश के टॉप 10 जिलों में शामिल हो गया है।
वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। गरीब और श्रमिकों को बुढ़ापे में सहारे के लिए शुरू पीएमएसवाइएम (प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना) के प्रति लोगों का रूझान बढ़ रहा है। बुढ़ापे में तीन हजार रुपये पेंशन के लिए 11714 लोगों के पंजीयन के साथ वाराणसी प्रदेश के टॉप 10 जिलों में शामिल हो गया है। जिलाधिकारी व अपर श्रमायुक्त के निर्देशन में अभियान चलाने के बाद यह स्थान मिला है। इससे पहले दिसंबर में वाराणसी का 15 वें स्थान पर था। वैसे, इस सूची में पहले नंबर पर सहारनपुर है। इसके बाद कुशीनगर, हरदोई, गोरखपुर, महाराजगंज, प्रयागराज, आजमगढ़, बहराइच, वाराणसी व देवरिया का नंबर है। यानी दो से 10 तक पूर्वांचल का ही दबदबा है।
अपर श्रमायुक्त मधुर सिंह ने बताया कि लोगों में इसकी मांग को देखते हुए इस योजना के लिए श्रम विभाग फिर अभियान शुरू करेगा। सहायक श्रमायुक्त देवब्रत यादव ने बताया कि यह योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए है। हालांकि बाद में इसे सभी लोगों के लिए कर दिया गया। इसके लिए अभ्यर्थी का ईपीएफ नहीं कटता हो और वह किसी स्थाई कार्य में न हो। आवेदक को न्यूनतम 55 व अधिकतम 200 रुपये अंशदान करना होगा। इतनी ही राशि सरकार भी अंशदान के रूप में जमा करती है।
मिलेगी 3000 रुपये पेंशन
इस योजना के लाभार्थी को 3000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। आवेदक की उम्र 18 से कम और 40 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आवेदक की मासिक आमदनी 15 हजार रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। कोई 18 साल का इस योजना से जुडऩा चाहता है, तो उसे हर माह 55 रुपये तथा 40 साल की उम्र वाले को 200 रुपये का योगदान करना होगा।
आधार और बैंक खाता जरूरी
इस योजना से जुडऩे के लिए अभ्यर्थी के पास आधार कार्ड व बचत या जनधन एवं बैंक खाते की पासबुक और मोबाइल नंबर जरूरी है। रजिस्ट्रेशन कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से कराया जा सकता है।