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अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस पर काशी में अस्सी घाट पर 1000 महिलाओं ने पढ़ा शिव तांडव स्तोत्र

अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस पर काशी में अस्‍सी घाट पर देशभर से 1000 नारी शक्ति की जुटान एक अनोखे आयोजन के लिए हुई है। गंगा नदी के तट पर शिव तांडव स्तोत्र के लयबद्ध आयोजन के लिए देश भर से 1000 महिलाएं काशी पहुंच कर तैयारियां कर रही हैं।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 05:44 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 11:25 PM (IST)
अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस पर काशी में अस्सी घाट पर 1000 महिलाओं ने पढ़ा शिव तांडव स्तोत्र
काशी में अस्‍सी घाट पर देशभर से 1000 नारी शक्ति की जुटान एक अनोखे आयोजन के लिए हुई है।

वाराणसी, जेएनएन। अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस पर काशी में अस्‍सी घाट पर देशभर से 1000 नारी शक्ति की जुटान एक अनोखे आयोजन के लिए हुई। इससे पूर्व गंगा नदी के तट पर शिव तांडव स्तोत्र के लयबद्ध आयोजन के लिए देश भर से 1000 महिलाएं काशी पहुंच कर तैयारियों में जुटी रहीं। मुंबई की संस्था फाउंडेशन फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट इन एकेडमिक फील्ड की ओर से अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अस्सी घाट पर इसका आयोजन किया गया। वहीं नौ मार्च को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह छह बजे भी महिलाएं शिव तांडव  स्तोत्र की अनोखी प्रस्तुति देंगी। 

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सोमवार को असि घाट पर गंगा आरती के पूर्व शुभ मुहूर्त में एक साथ हजार महिलाओं के स्‍वर जाह्नवी तट पर गूंजी तो आस्‍था के स्‍वर से भगवान शिव की नगरी काशी गुंजायमान हो उठी। हर हर महादेव के उद्घोष के साथ शुरू हुए आयोजन में लाल रंग के परिधान में सजी महिलाओं और युवतियों ने एक साथ शिव स्तोत्र का पाठ ढलते सूर्य के साथ शुरू किया तो वातावरण धर्म और आध्‍यात्‍म से एकाकार नजर आया। हाथों में गंगा और शिव आरती के लिए बाती जल उठी और शिव स्‍तुति का आयोजन शुरू हुआ तो घंट घडियालों से भी गंगा तट गूंज उठा। 

आयोजन में दूर दराज से शामिल होने आए लोगों के लिए यह आयोजन जहां अनोखा अनुभव रहा वहीं इंटरनेट मीडिया में भी आयोजन के स्‍वर गूंजे और झंकृत होते नजर आए। हर-हर महादेव का उद्घोष और बाबा की स्‍तुति में शिव तांडव का यह अद्भुत और अनोखा आयोजन काशी के लिए भी किसी अनूठे उत्‍सव सरीखा ही नजर आया। शिव तांडव स्तोत्र के पाठ के साथ ही घाटों पर गंगा आरती का भी आयोजन शुरू हुआ तो जाह्नवी तट पर दीयों की रोशनी से गंगा तट भी मानों रोशनी से नहाया नजर आने लगा। जैसे-जैसे शाम होने लगी आयोजन में शामिल होने के लिए लोगों की भी घाट पर भारी जुटान शुरू हो गई।  

वैश्विक महामारी कोविड 19 के दौर में जून माह में दो महिलाओं से आरंभ शिव तांडव स्तोत्र का समापन शिव की नगरी काशी में गंगा तट पर सायंकालीन बेला में असि घाट पर हुआ। महाराष्ट्र के पुणे से माधुरी सहस्त्र बुद्धे ने शिव तांडव स्तोत्र को जब जून माह में आरंभ किया तो महज दो लोग जुड़े। इसके बाद पूरे देश में हजारों लोग शिव तांडव स्तोत्र से जुड़ते गए। फाउंडेशन ऑफ होलिस्टिक डेवलपमेंट के तत्वावधान में अपने अंदर सकारात्मक  ऊर्जा को उत्पन्न करने के लिए महाराष्ट्र कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तराखंड की हजारों महिलाएं जुड़ीं हैं।

महिला दिवस के उपलक्ष्य में शिव की नगरी काशी में गंगा के तट पर इसके गायन से देश के विभिन्न भाग से जुड़े लोग काफी अभिभूत थे। उनमें कई ऐसे थे कि उन्हें इसी बहाने काशी आने का सपना साकार हुआ। ऐसे लोगों ने अपने को धन्य तब माना जब गंगा तट पर शिव तांडव स्तोत्र का पाठ किया। इस दौरान देश के विभिन्न भागों से लगभग 200 लोग भी ऑनलाइन एलईडी स्क्रीन से इस कार्यक्रम से जुड़े।


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