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आपदा को अवसर में बदलने का हुनर सीख रहीं महिलाएं

जागरण संवाददाता उन्नाव डायट स्थित कंपोजिट विद्यालय सहित नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में गु

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 12:08 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 12:08 AM (IST)
आपदा को अवसर में बदलने का हुनर सीख रहीं महिलाएं
आपदा को अवसर में बदलने का हुनर सीख रहीं महिलाएं

जागरण संवाददाता, उन्नाव: डायट स्थित कंपोजिट विद्यालय सहित नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में गुरुवार को आपदा को अवसर में बदलने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें बच्चों की माताओं को शिक्षिकाओं ने पॉलीथिन से आर्टिफिशियल फूलों की झालर, बंदनवार और रंगोली तैयार करना सीखाया। इसके अलावा किस प्रकार से पुराने व कटे-फटे कपड़ों का प्रयोग झोला व बैग बनाया जा सकता है, इसका भी गुर सीखा।

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आपदा को अवसर में बदलने का हुनर सीख रहीं महिलाओं को कोविड-19 के प्रति जागरूक करने का कार्य सहायक अध्यापिका पूनम मिश्रा ने किया। उन्होंने बताया कि कोरोना के संकट से बचने के लिए जागरुकता जरूरी है। घर बैठे व सीमित बजट में स्वरोजगार किस प्रकार से किया जा सकता है, इसकी जानकारी भी दी। इसके अलावा पॉलीथिन को इधर-उधर न फेंकते हुए इसका प्रयोग घर की सजावटी सामग्री में कैसे किया जा सकता है, इसके बारे में बताते हुए फूल, झालर, बंदनवार बनाना सीखाया। पूनम ने बताया कि कुछ वर्ष पहले तक महिलाएं दीपावली पर घर आंगन में रंगों से रंगोली बनाया करती थी। कुछ सालों में रेडीमेट रंगोली का क्रेज बढ़ रहा है। इन्हें कहीं भी आसानी से चिपकाया जा सकता है। यह रंगोली कैसे पॉलीथिन से बनायी जा सकती है और कितनी डिजाइन को प्रयोग में लिया जा सकता है, इसके बारे में भी महिलाओं को बताया गया। यह रंगोली तैयार करके इसकी बिक्री से चार पैसे भी कमाए जा सकते हैं। प्रावि हाकिमटोला और सिविल लाइंस, बाबूगंज, किला, आवास विकास, कब्बाखेड़ा सहित 45 विद्यालयों में आपदा को अवसर में बदलने का कार्यक्रम हुआ।


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