प्लांट के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, हटाने पर अड़े
गुरुवार को एचपी गैस प्लांट में आग लगने और इसके भयावह होने की आशंका से इसके आसपास की फैक्ट्रियों स्कूल-कॉलेजों के अलावा गावों तक को खाली करा दिया गया था।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : गुरुवार को एचपी गैस प्लांट में आग लगने और इसके भयावह होने की आशंका से इसके आसपास की फैक्ट्रियों, स्कूल-कॉलेजों के अलावा गांवों तक को खाली करा दिया गया था। दिन में आग लगने के साथ हो रहे धमाकों से दहशत में रहे ग्रामीण रात में भी सायरन बजने से सो नहीं सके। सुबह उनके सब्र का बांध टूट गया और वह सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर प्लांट के गेट पर पहुंच गए और प्लांट हटाने की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। उनकी मांग थी कि इस गैस प्लांट को यहां से हटाकर कहीं अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाए।
गुरुवार का दिन दहशत में गुजारने के बाद रात में सायरन बजने के बाद सो न सके झंझरी गांव के लोगों ने सुबह होते ही प्लांट के गेट पर पहुंच गए और उसको वहां से हटाने पर अड़ गए। गांव वालों ने नारेबाजी करते प्लांट में काम न होने देने की बात कहते हुए प्रदर्शन करने लगे। यह देख प्लांट के अधिकारियों ने गेट बंद करवा दिए और सभी अधिकारी-कर्मचारी प्लांट के भीतर चले गए। इसके बाद ग्रामीणों में मौजूद महिलाएं गेट पर ही बैठ गईं और नारेबाजी करने लगीं। इसी दौरान तेज बारिश होने लगी। इससे कुछ देर के लिये तो ग्रामीण वहां से हटे और जैसे ही पानी धीमा हुआ सभी फिर से गेट पर पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे।
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प्लांट को लेकर मरने-मारने पर उतारू थे ग्रामीण
ग्रामीणों द्वारा प्लांट हटाने की मांग पर किये जा रहे विरोध को शांत कराने को जब वहां पुलिस पहुंची तो ग्रामीण और नाराज हो गए। इस पर जब पुलिस ने सख्ती करना चाहा तो ग्रामीण मरने-मारने पर भी उतारू हो गए। उनका कहना था कि वह इसके लिये किसी भी हद तक जाएंगे। प्लांट के अधिकारियों ने प्रदर्शन में शामिल महिलाओं को समझाने की कोशिश की पर वह किसी भी सूरत में उनकी कोई बात सुनने को तैयार नहीं थी। उनकी मांग प्लांट को हटाने की थी। महिलाएं प्लांट को कहीं और ले जाने कि सिवा किसी और बात पर मानने को तैयार नहीं थीं।
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बारिश ने भी प्लांट के गेट पर जमे रहे गांव वाले
विरोध प्रदर्शन के दौरान जब सैकड़ों पुरुष और महिलाएं प्लांट गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे तो अचानक बारिश शुरू हो गई। तेज बारिश में वह गेट से हटकर इधर-उधर हो गए लेकिन जैसे ही पानी धीमा हुआ सभी दोबारा गेट पर पहुंच गए। इसके बाद हुई बारिश ने भी उनके विरोध का जुनून कम नहीं किया।