उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता का परिवार पहुंचा हाईकोर्ट, न्याय की गुहार
उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म तथा हत्याकांड के कई आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से नाराज परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी लगाने पहुंचा है।
उन्नाव (जेएनएन)। सामूहिक दुष्कर्म तथा पीडि़ता के पिता की जेल में हत्या के मामले की जांच कर रही सीबीआई के कई कड़ी पर जोर न देने पर पीडि़त परिवार इस केस से जुड़े अन्य मामलों में न्याय की गुहार लगाने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में है। परिवार का आरोप है कि इस कांड के कई आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। परिवार का इन सभी पर भी पुलिस का शिकंजा कसने की गुहार है।
उन्नाव में सामूहिक दुष्कर्म तथा हत्या के मामले में सीबीआई के शिकंजे में आए भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर तथा उनके भाई अतुल सिंह सेंगर, कुलदीप की सहयोगी शशि सिंह और चार अन्य जेल में बंद हैं। इनके अलावा इस केस में अभी भी कई आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इन सभी पर भी कार्रवाई के लिए पीडि़त परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा है।
उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म तथा हत्याकांड के कई आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से नाराज परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी लगाने पहुंचा है। इस मामले में पीडि़ता के परिवार वालों का कहना है कि पीडि़ता के पिता की हत्या के बाद पुलिस को दी गई तहरीर में अभी भी कई आरोपी ऐसे हैं जिनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। उनका कहना है कि पुलिस ने तहरीर भी मनमाने ढंग से लिखा है। पीडि़ता के पिता की हत्या के मामले में आरोपी पुलिस अधिकारियों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पीडि़ता के परिवार ने पुलिस पर उनकी शिकायत बदलने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जब केस सीबीआई के हवाले किया गया तो पुलिस ने उनकी शिकायत को फर्जी तरीके से बदलकर सीबीआई के अधिकारियों को सौंपा ताकि आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का पक्ष मजबूत हो सके। पीडि़त परिवार का आरोप है कि पुलिस ने फर्जी तरीके से उनकी शिकायत को बदला है। बदली हुई तहरीर में पीडित परिवार की तरफ से फर्जी अंगूठा और दस्तखत भी किए गए हैं। पूरे मामले को बदलने की कोशिश की गई है। पीडि़त परिवार ने इसकी शिकायत सीबीआई से भी की। फिर भी इस मामले में उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
निराश होकर पीडि़त परिवार ने सारी शिकायतों के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
गैंगरेप पीडि़ता का आरोप है कि उसके साथ 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। उसने भाजपा विधायक से इस बात का विरोध किया, तो उसने परिवार वालों को मारने की धमकी दी। जब थाना में गई तो एफआईआर नहीं लिखी गई। इसके बाद तहरीर बदल दी गई। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ गई। पीडि़ता ने कहा कि मुख्यमंत्री से आरोपी विधायक की शिकायत की थी। उन्होंने इंसाफ का भरोसा दिलाया था, लेकिन एक साल हो गया। अब तक कुछ नहीं हुआ।
दिल्ली से उसके पिता गांव आए, तो विधायक के लोगों ने उनको बहुत मारा। उनको घसीटकर ले गए। पीटने के बाद उन्हें अपने घर के बाहर फेंक दिया। इसके बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई है।
पीडि़ता के पिता को पुलिस हिरासत में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां हुई थीं। उसे तुरंत जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान अगले दिन ही उसकी मौत हो गई। मृतक की उम्र करीब 50 वर्ष थी।
क्या है मामला
4 जून 2017 को माखी थाना क्षेत्र के गांव से 17 साल की किशोरी को गांव के ही शुभम और उसका साथी कानपुर के चौबेपुर निवासी अवधेश तिवारी अगवा कर ले गए। पीडि़ता की मां ने माखी थाने में मामले की तहरीर दी। जिसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पड़ोस की एक महिला के जरिए बहाने से घर बुलाकर दुषïकर्म करने और इसके बाद उसके गुर्गों के सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया, लेकिन पुलिस ने तब रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
इसके बाद पीडि़ता ने 11 जून 2017 को पीडि़ता ने अदालत की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर आरोपी अवधेश तिवारी, शुभम तिवारी व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मुकदमे में विधायक और आरोपी महिला का नाम नहीं था। तीन अप्रैल 2018 को विधायक के भाई अतुल सिंह ने केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया और जब पिता के इनकार किया तो उसकी बेरहमी से पिटाई की गई और फर्जी मुकदमा लिखवाकर उसे जेल भिजवा दिया। पीडि़ता ने आठ अप्रैल, 2018 को परिवार समेत सीएम आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की। नौ अप्रैल को पीडि़ता के पिता की उन्नाव जेल में मौत हो गई। जिसके बाद दस को विधायक के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार किया गया।