बेकाबू बुखार और विभाग लाचार
जागरण संवाददाता, उन्नाव : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के आधा सैकड़ा से अधिक गांव के लोग संक्रामक
जागरण संवाददाता, उन्नाव : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के आधा सैकड़ा से अधिक गांव के लोग संक्रामक रोगों की चपेट में हैं। पानी उतरने के साथ तमाम और गांवों में बुखार फैलने की आशंका बनी है। पीड़ितों की हर दिन बढ़ रही तादाद संक्रामक रोग नियंत्रण विभाग की लाचारी का प्रमाण दे रही है।
बुखार का कहर जिले के लगभग 60 गांवों को अपनी चपेट में ले चुका है। बुखार के मरीजों की संख्या में हर दिन इजाफा होना संक्रामक रोगों का हमला और तेज होने का गवाह है। औसतन प्रतिदिन जिला अस्पताल ओपीडी में 13 से 14 सौ मरीज आते हैं। इनमें सात से आठ सौ मरीज वायरल फीवर के होते हैं। जिला अस्पताल में बुखार के रोगियों को पैरासीटामाल के स्थान पर डायक्लोनेक टेबलेट दी जा रही है। दवाओं की कमी संक्रामक रोगों के नियंत्रण में स्वास्थ्य महकमा को लाचार बनाए हैं। यही हाल सीएचसी-पीएचसी का भी है। यहां भी आने वाले मरीजों में 70 से 80 फसदी मरीज वायरल फीवर, डायरिया आदि के हैं। यहां भी दवाओं का टोटा है।
संक्रामक रोगों का हमला किस कदर तेज है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए गठित 49 टीमों ने 9287 मरीजों को देख कर दवा है। इसके अलावा बांगरमऊ, गंजमुरादाबाद, बिछिया, औरास के तमाम गांव बुखार की चपेट में चल रहे हैं। दवाओं की कमी का आलम यह है कि पैरासीटामाल की जगह दर्द की दवा से बुखार उतारा जा रहा है। 15 दिनों में बुखार से 13 लोगों की मौत हो चुकी है।
फीवर हेल्प डेस्क चिढ़ा रही मुंह बुखार पीड़ित मरीजों की मदद के लिए जिला अस्पताल में फीवर हेल्प डेस्क बनाई गई लेकिन, काउंटर यहां पर्चा तो चिपका है पर मदद करने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी नदारत हैं। एक सप्ताह में जिला अस्पताल आए बुखारी पीड़ित
ओपीडी में आए बुखार के मरीज-2625
इमरजेंसी में भर्ती हुए बुखार के मरीज-129
अस्पताल में उपचार के दौरान मृत मरीज-05 बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संक्रामक रोगों का हाल
बुखार के मरीज वाले गांव-57
डायरिया के मरीज-607
बुखार के मरीज-4089
चर्मरोग के मरीज-426
ईएनटी, आंख के मरीज-229
अन्य बीमारियों से पीड़ित-396
मेडिकल टीमों द्वारा देखे गए मरीज-9287 अन्य क्षेत्रों के मरीज
डेंगू-8, चिकुनगुनिया-3, सामान्य बुखार-4592 संक्रामक रोगों के नियंत्रण में जहां आवश्यकता पड़ रही है लोकल पर्चेज भी कराई जा रही है। सीएचसी-पीएचसी पर डाक्टरों को 24 घंटे रहने का निर्देश दे चुका हूं। जिला अस्पताल में आर्डर के बाद भी दवा कंपनी दवा नहीं दे रही हैं।
-डॉ. लालता प्रसाद, सीएमओ