बनते ही गड्ढों में तब्दील हो रहे करोड़ों के मार्ग
मुख्यमंत्री द्वारा मार्गों की सुध लिए जाने के बाद संबधित विभागों ने अपनी कर गुजारी को लेकर लीपापोती शुरू कर दी है। लोक निर्माण विभाग और आवास विकास परिषद आदि से बनवाए गए मार्गों के हालात बेहद खराब हैं। सड़कों की यह सूरत तब हो रही है जबकि निर्माण के जिम्मेदार ठेकेदार को काम और उसके बाद कम से कम 5 साल के लिए मेंटीनेंस का जिम्मा भी निभाना होता है। बावजूद मार्गों पर सरपट दौड़ना तो दूर ठीक से चला भी नहीं जा सकता है।
जागरण टीम, उन्नाव : मुख्यमंत्री द्वारा मार्गों की सुध लिए जाने के बाद संबधित विभागों ने अपनी कर गुजारी को लेकर लीपापोती शुरू कर दी है। लोक निर्माण विभाग और आवास विकास परिषद आदि से बनवाए गए मार्गों के हालात बेहद खराब हैं। सड़कों की यह सूरत तब हो रही है जबकि निर्माण के जिम्मेदार ठेकेदार को काम और उसके बाद कम से कम पांच साल के लिए मेंटीनेंस का जिम्मा भी निभाना होता है। बावजूद मार्गों पर सरपट दौड़ना तो दूर ठीक से चला भी नहीं जा सकता है।
लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खण्ड और निर्माण खण्ड प्रथम के अंतर्गत आने वाले राज्य, प्रमुख जिला, अन्य जिला व ग्रामीण मार्ग हैं बदहाल हैं। जिले में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत उक्त श्रेणियों के कुल 1733 मार्ग शामिल हैं। जनपद में 2 राष्ट्रीय राजमार्ग भी हैं। इन मार्गों में शायद ही कुछ ऐसे हों। जहां की गड्ढा न पाया जा रहा हो। विभाग के पास अपनी कमी छिपाने को गुजर चुका बरसाती मौसम है। मानकों की कमी न मानकर बताया जाता है कि बरसात के कारण तमाम सड़कें खराब हो गईं हैं। राज्य मार्ग में उन्नाव से हरदोई जिले को जोड़ती सड़क, चकलवंशी से लखनऊ को जुड़ती सड़क, लखनऊ बाईपास से शुक्लागंज होते हुए कानपुर को जोड़ती सड़क और दही चौकी से मौरावां हिलौली होते हुए लखनऊ को जोड़ते मुख्य राज्य मार्ग हैं। जिनमें सभी गड्ढायुक्त हैं। जगह-जगह की गई पैचिग भी कभी की खुल गई है।
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उन्नाव-रायबरेली हाईवे भी बदहाल
उन्नाव लालगंज मार्ग को भले ही राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा मिल गया हो, पर अब भी यह मार्ग खस्ताहाली से जूझ रहा है। मार्ग में रायबरेली सीमा से लालकुआं बीघापुर तक पूरे रास्ते में जगह-जगह गड्ढे है। तकिया बस स्टॉप के पास दो फुट से अधिक गहरा गड्ढा हो गया था। जिसको ग्रामीणों ने ईंट के टुकड़े डालकर बंद किया गया। ककरारी रेलवे क्रासिग के पास दोनों तरफ सड़क बहुत ही खराब है। इसके बाद चिकन्दरपुर, बिहार, गनेशी खेडा, आकमपुर आदि के सामने मार्ग गड्ढों में बदल गया है।
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दही चौकी-मौरावां-हिलौली मार्ग बनवा रहा वर्ल्ड बैंक
ओवरलोडिग की अधिकता के कारण दही चौकी मौरावां से होते हुए लखनऊ को जोड़ते राज्यमार्ग की दुर्दशा हो गई। मार्ग पर सड़क नाम की चीज ही नहीं रही। यहां गलियारा बन गया। विभाग इससे पहले कि इसके निर्माण पर करोड़ो रुपए की मांग करता कि वर्ल्ड बैंक ने इसे बनवाने का जिम्मा ले लिया। यह मार्ग फिलहाल निर्माणाधीन है। मार्ग की निर्माण लागत 200 करोड़ की है। जिससे चौड़ीकरण और सुधारीकरण किया जा रहा है।
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पीडब्लूडी के मार्ग व उनकी लंबाई
मार्ग का प्रकार------संख्या------कुल लंबाई
राज्य मार्ग-------------03----------144.95
प्रमुख जिला मार्ग-------04----------150.448
अन्य जिला मार्ग--------57----------641.587
ग्रामीण मार्ग------------1669--------3235.533