जांच करने पहुंचे अफसर बदबू से बेहाल रहे
औद्योगिक क्षेत्र स्थित अलसुपर स्लाटर हाउस से निकलने वाले पानी से प्रदूषण फैलने की शासन स्तर पर की गई शिकायत पर शुक्रवार को शासन द्वारा कमिश्नर के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने स्लाटर हाउस पहुंच हकीकत परखी। जांच के दौरान टीम में शामिल कमिश्नर व अन्य अफसरों को बदबू बेहाल किए रही। स्लाटर हाउस के इनलेट और आउटलेट निकलने वाले पानी का सैंपल लेने के साथ ही अधिकारियों के निर्देश पर निकट के पॉलीटेक्निक स्कूल की टंकी और हैंडपंप के पानी का भी सैंपल लिया गया।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : औद्योगिक क्षेत्र स्थित अल सुपर स्लाटर हाउस से निकलने वाले पानी से प्रदूषण फैलने की शासन स्तर पर की गई शिकायत पर शुक्रवार को शासन द्वारा कमिश्नर के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने स्लाटर हाउस पहुंच हकीकत परखी। जांच के दौरान टीम में शामिल कमिश्नर और अन्य अफसरों को बदबू बेहाल किए रही। स्लाटर हाउस के इनलेट और आउटलेट से निकलने वाले पानी का सैंपल लेने के साथ ही अधिकारियों के निर्देश पर निकट के पॉलीटेक्निक स्कूल की टंकी और हैंडपंप के पानी का भी सैंपल लिया गया। साथ ही कई अन्य कमियां भी मिली हैं। कमिश्नर ने कहा शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। जांच पड़ताल के दौरान अफसरों को भी बदबू बेहाल किए रही।
सूत्रों के अनुसार अल सुपर स्लाटर हाउस दही चौकी से प्रदूषित पानी निकलने से भूजल प्रदूषित होने के साथ ही पर्यावरण प्रदूषण होने की शिकायत शासन से की गई थी। शासन द्वारा कमिश्नर लखनऊ मंडल अनिल गर्ग, सदस्य सचिव उप्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और विशेष सचिव पर्यावरण रूपेश कुमार को टीम गठित कर जांच करने के निर्देश दिए गए थे। कमिश्नर व अन्य अफसर शुक्रवार को पूर्वाह्न लगभग 11 बजे दही चौकी अद्योगिक क्षेत्र साइड 2 में स्थित अल सुपर स्लाटर हाऊस पहुंचे। अफसरों ने स्लाटर हाउस से निकलने वाले पानी से लेकर बाहर नाले में गिर रहे डिस्चार्ज तक के पानी की हकीकत देखने के बाद प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम से सैंपलिग कराई। यही नहीं आसपास की नालियों में बह रहे स्लॉटर हाउस के गंदे पानी और स्टीम का सैंपल लिया गया। स्लाटर हाउस की जांच पड़ताल के बाद अफसरों की टीम स्लॉटर हाउस से जुडे पॉलीटेक्निक पहुंची। कमिश्नर ने वहां एक कर्मचारी के पुत्र देवेन्द्र सैनी ने अफसरों को लिखकर बताया कि टंकी व समरसेबल से निकलने वाला पानी भी प्रदूषित है। इस पर अफसरों उसके पानी का भी सैंपल लेने को कहा। इसके बाद प्रधानाध्यापक पीयूष शाक्य से पूछा तो उन्होंने बताया पानी पीने योग्य नहीं है। साथ ही पीछे बनी अल सुपर से निकलने वाली बदबूदार फाग की भी शिकायत की इस पर कमिश्नर ने पूर्व में की गई शिकायतों के साथ सभी के लिखित बयान लिए। पॉलिटेक्निक के सर्वेंट क्वार्टर मे रहने वाले देवेंद्र ने बताया कि परिसर में बनी पानी टंकी की करीब 50 वर्षों से सफाई नहीं हुई है। साथ ही अल सुपर से उड़ने वाली बदबूदार फाग से सांस लेना मुश्किल है। स्लाटर हाउस के मैनेजर अबरार अहमद को फैक्ट्री के अभिलेखों के साथ पॉलीटेक्निक में बुलाकर अभिलेखों की जांच 2:15 बजे तक चलती रही इसके बाद कुछ अहम दस्तावेज और भरे गए सैंपुल लेकर अफसरों की टीम लखनऊ रवाना हो गई। सूत्रों की मानें तो कई खामियां भी मिली हैं। लेकिन कमिश्नर ने कहा कि शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। निरीक्षण के समय डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय, सीडीओ प्रेमरंजन सिंह, एसडीएम सदर दिनेश कुमार आदि साथ रहे।