हिस्ट्रीशीटर ने जेल से तैयार किया था गिरोह
संवाद सहयोगी, पुरवा : ईनामिया शातिर हिस्ट्रीशीटर धनराज लोधी ने एक बार अपराध की दुनिया में कदम रखा तो
संवाद सहयोगी, पुरवा : ईनामिया शातिर हिस्ट्रीशीटर धनराज लोधी ने एक बार अपराध की दुनिया में कदम रखा तो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पुलिस ने उसे जितनी बार जेल भेजा, उसने जेल में लोगों को साथ काम करने के लिए प्रेरित किया और योजना के तहत जेल से छूटने के बाद एक जगह इकट्ठा होकर घटना करने की योजना बनाई। शातिर सर्वाधिक लूट की घटनाओं को अंजाम देता था। इस दौरान कोई बाधा बना तो उसकी हत्या भी कर दी। उन्नाव, रायबरेली और जीआरपी में उसके विरुद्ध अब तक 17 मुकदमे सामने आए हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो शातिर का 20-25 लोगों का गिरोह है।
वर्ष 2012 में हिस्ट्रीशीटर धनराज सेशन हवालात से पुलिस को गच्चा देकर भाग निकला था। इसके बाद से वह पुलिस के हाथ नहीं लगा। उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने 25 हजार का ईनाम भी घोषित कर दिया था। बताते हैं कि हिस्ट्रीशीटर पुलिस से मोर्चा लेने का माहिर रहा है। कई बार पुलिस ने उसे पकड़ने का प्रयास किया तो वह जवाबी फाय¨रग कर भाग निकला। बीघापुर में वर्ष 2007 और 2018 में सदर कोतवाली और पुरवा में उसने पुलिस से मोर्चा लिया। इसके साथ ही अन्य कई बार इसने पुलिस पर फाय¨रग की पर पहचान न होने से पुलिस द्वारा मुकदमा नहीं लिखा गया। बुधवार को हुई मुठभेड़ में यदि वह पुलिस की गोली का शिकार न होता तो शायद इस बार भी गच्चा देकर निकल जाता। खुद को बचाने के लिए उसके द्वारा की गई फाय¨रग में दारोगा प्रदीप ¨सह घायल हो गए। पकड़े जाने के बाद उसने पुलिस को कई घटनाओं के बारे में बताया है।