एसटीएफ और एसओजी को मिलने लगे सुराग
जागरण टीम उन्नाव जलाकर मारी गई दुष्कर्म पीड़िता के भतीजे के अपहरण मामले में पुलिस की
जागरण टीम, उन्नाव : जलाकर मारी गई दुष्कर्म पीड़िता के भतीजे के अपहरण मामले में पुलिस की 14 टीमें फेल होने के बाद अब एसटीएफ और एसओजी को सुराग मिलने लगे हैं। रविवार को एसओजी टीम के हत्थे चढ़े रायबरेली के युवक ने कई अहम जानकारियां दी हैं।
बिहार थानांतर्गत एक गांव में पांच दिसंबर 2019 को जलाकर मारी गई दुष्कर्म पीड़िता का भतीजा दो अक्टूबर 2020 से लापता है। पीड़िता की बहन ने गांव निवासी तीन महिलाओं समेत पांच के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस सभी आरोपितों को जेल भेज चुकी है। बच्चे को बरामद करने और मामले के राजफाश में स्थानीय पुलिस के असफल होने पर एसटीएफ व एसओजी को जिम्मेदारी दी गई है। टीम सदस्यों का कहना है कि वे जल्द ही नतीजे तक पहुंचेंगे।
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लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए नहीं मिली तारीख
अपहरण के आरोपितों ने खुद को निर्दोष बताकर लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग की थी। इसके लिए पुलिस ने कोर्ट से आदेश भी ले लिया था, लेकिन 10 दिन बाद भी विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ से टेस्ट की तारीख नहीं मिली है।
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आरोपितों के स्वजन ने मांगी सीबीआइ जांच
अपहरण के आरोपितों के स्वजन ने अपर मुख्य सचिव सचिव गृह, मुख्य सचिव उप्र, डीएम और एसपी को पत्र भेजकर पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि पीड़ित परिवार की ओर से जबरन उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। इससे वे लोग गांव छोड़ने को मजबूर हैं। कहा कि आरोपित पक्ष का भी लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया जाए। उनका कहना है कि वे लोग सीबीआइ जांच की मांग को लेकर जल्द ही हाईकोर्ट में रिट दायर करेंगे।
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पीड़ित परिवार की सुरक्षा बढ़ाई
बच्चा लापता होने के बाद पीड़ित परिवार की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। मौजूदा समय में उनके घर पर एक हेड कांस्टेबल, दो पुरुष और दो महिला सिपाही व उसके भाई-बहन की सुरक्षा में दो गनर लगे हैं। वहीं, एक प्लाटून पीएसी भी तैनात की गई है।