बाढ़ पीड़ितों की मदद को एसडीआरएफ की टीम पहुंची
जिला प्रशासन ने दूसरे जिलों से नाव मंगाने के साथ ही कानपुर जिला प्रशासन से मोटर बोट उपलब्ध कराने का किया अनुरोध
जागरण संवाददाता, उन्नाव : खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गंगा की बाढ़ के लगातार विकराल होते जाने पर बुधवार सुबह राहत कायरें में मदद के लिए एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की टीम गंगाघाट इलाके में पहुंच गई। वहीं बाढ़ से घिरे गावों से लोगों का निकालने में नाव की कमी से जूझते जिला प्रशासन ने दूसरे जिलों से नाव मंगाने के साथ ही कानपुर जिला प्रशासन से मोटर बोट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। हालाकि एसडीआरएफ की टीम लाइफ जैकेट, मोटरबोट आदि के साथ पहुंची हुई है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री के आने की संभावना के बीच जिला प्रभारी मंत्री रमापति शास्त्री बाढ़ राहत कायरें की समीक्षा के लिए पहुंच गए। बाढ़ से प्रभावित बीघापुर, उन्नाव सदर और बागरमऊ तहसीलों का अमला सुबह से ही बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचाने में लगा है।
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गंगा खतरे के निशान से 16 सेमी ऊपर
तीन दिन से खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गंगा का जलस्तर मंगलवार को 113.08 पर ठहरा रहा। देर रात से फिर से बढ़ना शुरू हुआ जलस्तर बुधवार दोपहर खतरे के निशान से 16 सेमी ऊपर 113.160 पर पहुंच गया। ये हालत तब है जब रविवार को छोड़ा गया 2.06 लाख क्यूसेक और सोमवार को छोड़ा गया 1.96 लाख क्यूसेक पानी अभी उन्नाव तक नहीं पहुंचा था। चार लाख क्यूसेक पानी और पहुंचने के बाद गंगा के खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर तक पहुंचने की आशका बनी हुई है। लगातार विकराल होती बाढ़ के बीच 7 सितंबर को मुख्यमंत्री के दौरे की संभावना से प्रशासन बाढ़ राहत के कार्य को युद्ध स्तर पर कर रहा है। हालाकि प्रशासन के सामने नावों की तादाद बढ़ाने की चुनौती बनी हुई है।