पालिका के पास संसाधन की कमी, फिकेल प्लांट जल निगम के हवाले
जागरण संवाददाता उन्नाव गंगा में गंदगी जाने से रोकने के लिए 4.32 करोड़ की लागत से एफएसटी
जागरण संवाददाता, उन्नाव: गंगा में गंदगी जाने से रोकने के लिए 4.32 करोड़ की लागत से एफएसटीपी (फीकेल ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण बख्खाखेड़ा में कराया गया। इसे नगर पालिका के हैंडओवर कर दिया गया, लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जरूरी स्लज का इंतजाम पालिका नहीं कर सकी। ऐसे में जल निगम ही अब ट्रीटमेंट को चलाएगा।
फीकेल ट्रीटमेंट प्लांट 32 एमएलडी का है और हर दिन इसमें 15 ट्राली स्लज की जरूरत होती है। जिससे स्लज बेड के साथ खाद बनती है। पालिका के पास केवल एक ट्रैक्टर ट्राली है जिस कारण आवश्यकता के अनुरूप स्लज प्लांट में नहीं पहुंच रहा है। यही कारण रहा कि प्लांट को शुरू करने में भी जल निगम को बाहरी एजेंसी से स्लज लेना पड़ा था। इस ट्रीटमेंट प्लांट का मुख्य उद्देश्य था कि घरों से निकलने वाला स्लज खुले में और गंगा में न बहाया जाए। स्लज को ट्रीट कर साफ पानी गंगा में बहाया जाए। स्लज के उठान को लेकर जल निगम के अधिकारियों ने कई बार पालिका को अवगत कराया लेकिन संसाधन का रोना बना रहा। यही कारण रहा कि ट्रीटमेंट प्लांट पूरी क्षमता से नहीं चल सका। ऐसे में जल निगम ने अब इस प्लांट को चलाने की जिम्मेदारी ले ली है। जल निगम अपने आउटसोर्स एजेंसी से इसे चलाएगा। निजी स्तर पर घरों से जो स्लज एकत्र होगा वह ट्रीटमेंट प्लांट में लाया जाएगा।
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- पालिका के पास संसाधन की कमी है। इस कारण स्लज ट्रीटमेंट प्लांट में नहीं जा पा रहा है। व्यवस्था के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि घरों से निकलने वाला सीवरेज स्लज बाहर नहीं फेंका जाएगा वह ट्रीटमेंट प्लांट में ही जाएगा। फिलहाल जल निगम ही इसे चलाएगा।
- आरपी श्रीवास्तव, ईओ नगर पालिका