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फसल अवशेष प्रबंधन में किसानों को प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर

किसानों की उन्नति और दोगुना आय के लिए सरकार ने प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इनसीटू मैनेजमेन्ट आफ क्राप रेज्ड्यू योजनान्तर्गत फसलों के अवशेष प्रबन्धन के लिए निर्धारित कृषि यंत्रों पर छूट का प्राविधान देते हुए सब्सिडी की व्यवस्था की है। यंत्रो की खरीद में कृषि विभाग ने आवेदन मांगे है। किसान 10 नवम्बर तक सम्पर्क कर सकते हैं। किसान उप कृषि निदेशक कार्यालय में सम्पर्क करके प्रथम आओ-प्रथम पाओ के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 07:14 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 06:21 AM (IST)
फसल अवशेष प्रबंधन में किसानों को प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर
फसल अवशेष प्रबंधन में किसानों को प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर

जागरण संवाददाता, उन्नाव : किसानों की उन्नति और दोगुना आय के लिए सरकार ने प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इनसीटू मैनेजमेंट आफ क्राप रेज्ड्यू योजनान्तर्गत फसलों के अवशेष प्रबंधन के लिए निर्धारित कृषि यंत्रों पर छूट का प्राविधान देते हुए सब्सिडी की व्यवस्था की है। यंत्रों की खरीद में कृषि विभाग ने आवेदन मांगे है। किसान 10 नवंबर तक संपर्क कर सकते हैं। किसान उप कृषि निदेशक कार्यालय में सम्पर्क करके प्रथम आओ-प्रथम पाओ के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं।

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स्मॉग और वायु प्रदूषण के चरम पर पहुंचे आंकड़ों को देखकर प्रशासन ने किसानों को फसल अवशेष जलाने की सख्त मनाही कर रखी है, जो किसान प्रशासन की बात अनसुनी करके भी फसल अवशेष जला रहे हैं। उन पर कानूनी कार्रवाई का शिकंजा कसते हुए 15 हजार रुपये तक आर्थिक दंड लगाने का प्राविधान भी प्रशासन ने तय कर रखा है। इसी क्रम में अब तक जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से ऐसे 13 किसानों पर कार्रवाई किए जाने का प्रमाण भी प्रशासन पेश कर चुका है। किसान ऐसा न करे। इसके लिए डर के अलावा यदि उनके फायदे की बात कही जाए तो निश्चित ही फसल अवशेष जलाने के मामले न के बराबर हो जाएंगे। इसी उद्देश्य से कृषि विभाग फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कम दाम और उसमें भी अनुदान राशि का प्रबंध कर किसानों को संबधित उपकरण दे रहा है। जिसके प्रयोग से फसल अवशेष जलाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। किसान इन उपकरणों का प्रयोग करके फसल अवशेषों को खेत की मिट्टी में मिलाकर उसे और उपजाऊ बनाने का अवसर पा रहे हैं। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रा चापर, थ्रेडर, मल्चर, कटर कम स्प्रेडर, श्रव मास्टर, हाइड्रोलिक रिर्वसेबुल एमबी प्लाऊ, रोटरी स्लेशन एवं जीरोटिल कम फर्टीलाइजर ड्रिल के वितरण का लाभ किसान उठा सकते हैं। इसके अलावा सीएचसी के आवेदन के लिए उप कृषि निदेशक कार्यालय पर जाकर संपर्क कर सकते हैं।

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द मिलियन पाठशाला में गूंजा किसानों की दोगुनी आय का मुद्दा

- सरकार 2022 तक किसानों को दोगुनी आय के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए लगातार प्रयास भी जारी हैं। किसानों को पाठशाला में बंथर क्षेत्र के अंतर्गत तमाम सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। वहीं उपनिदेशक कृषि डॉ. नंदकिशोर की ओर से विशेष रूप से फसल अवशेष प्रबंधन पर जागरूक किया गया।


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