राष्ट्रपति से पुरस्कृत गांव में स्वच्छता को तिलांजलि
शहर से बमुश्किल पांच किमी दूर सरोसी ब्लाक की ग्राम पंचायत दोस्तीनगर को निर्मल गांव में राष्ट्रपति पुरस्कार दो बार आदर्श गांव और पंडित दीनदयाल स्वच्छता पखवारा के तहत कभी लगातार पुरस्कार मिलता था। जिले में स्वच्छता को लेकर अफसर इस गांव की नजीर पेश कर लोगों को प्रेरित करते थे। आज उसी गांव में स्वच्छता को तिलांजलि दी जा रही है। गांव के प्रमुख मार्गों पर तक नालियों का कचरा बह रहा है। घरों के सामने लगे कूड़ा के ढेर स्वच्छता की हकीकत बयां कर रहे हैं। गांव के लोग गंदगी की सड़ांध में सांस लेने को मजबूर हैं। अफसर स्वच्छता का डंका पीट रहे हैं।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : शहर से बमुश्किल पांच किमी दूर सरोसी ब्लाक की ग्राम पंचायत दोस्तीनगर को निर्मल गांव में राष्ट्रपति पुरस्कार, दो बार आदर्श गांव और पंडित दीनदयाल स्वच्छता पखवारा के तहत कभी लगातार पुरस्कार मिलता था। जिले में स्वच्छता को लेकर अफसर इस गांव की नजीर पेश कर लोगों को प्रेरित करते थे। आज उसी गांव में स्वच्छता को तिलांजलि दी जा रही है। गांव के प्रमुख मार्गों पर तक नालियों का कचरा बह रहा है। घरों के सामने लगे कूड़ा के ढेर स्वच्छता की हकीकत बयां कर रहे हैं। गांव के लोग गंदगी की सड़ांध में सांस लेने को मजबूर हैं। अफसर स्वच्छता का डंका पीट रहे हैं।
कभी स्वच्छता और विकास को लेकर आदर्श गांव रहा दोस्तीनगर आज उपेक्षा का शिकार है। जागरण टीम ने गांव की स्वच्छता को परखा तो स्वच्छता के प्रशासनिक दावा को हवाई साबित करने वाली तस्वीर सामने आई। गांव के रहने वाले नन्हा के दरवाजे के सामने से नाला का पानी बह रहा था। आशाराम के घर से कट्टे के घर के सामने कूड़ा का ढेर लगा था। कमोवेश इससे कहीं बदतर हालत बरातशाला की थी इसके सामने भी कूड़ा कचरा जमा है जिसकी सड़ांध से सांस लेना दूभर है। मिर्री के घर से लेकर नाजिम के घर तक नालियों का कचरा सड़क पर बजबजा रहा था।
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- सफाई कर्मचारियों के दर्शन नहीं होते हैं। तमाम शिकायतों के बाद भी सफाई नहीं कराई जाती है। पानी भरा होने से सड़के भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं। लेकिन उसके बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
- राशिद, दोस्तीनगर
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- हम लोग सचिव से लेकर ग्राम प्रधान तक लगातार सफाई कराने के लिए कह चुके हैं लेकिन उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। गंदगी होने से बीमारियां भी फैल रही हैं।
- नाजिर, दोस्तीनगर
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- कई माह से सफाई नहीं कराई गई। नाला भी चोक है जिससे नालियों का पानी घरों के सामने भर जाता है आवागमन में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सफाई कर्मचारी न आने से गंदगी बढ़ रही है।
- श्यामा, दोस्तीनगर
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- कभी गांव में अफसर आते थे और सफाई व स्वच्छता को लेकर गांव की तारीफ करते थे। आज हालत यह हो गई है कि शिकायत करने के बाद भी सफाई कराने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
- श्रीमती, दोस्तीनगर
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- गांव में गंदगी फैली होने की जांच कराऊंगा। सचिव को चेतावनी देने के साथ ही टीम भेजकर सफाई कराऊंगा।
- डॉ. आरपी यादव, डीपीआरओ