बेटों के त्योहार पर लगाए पौधों से बगीचा आबाद
जागरण संवाददाता, उन्नाव: पौधों में बेटे का रूप देख ¨हदू रीति-रिवाज में पुत्र की लंबी उम्र की
जागरण संवाददाता, उन्नाव: पौधों में बेटे का रूप देख ¨हदू रीति-रिवाज में पुत्र की लंबी उम्र की मनोकामना में रखे जाने वाले व्रत के दिन रानी तिवारी ने कम से कम एक पौधा लगाने की ठानी। साथ ही उस पौधे को बेटे की तरह पालने का जज्बा मन में बसाया। इसके बाद शुरू हुआ घर में बगिया तैयार होने का सिलसिला। देखते-देखते करीब 20 साल में उनके घर में चार सौ से अधिक और सौ से ज्यादा किस्म के पौधों का बगीचा तैयार है।
शहर के मोती नगर मोहल्ला निवासी गृहिणी व पूर्व उद्यमी रानी तिवारी ने करीब बीस साल पूर्व पुत्र की लंबी उम्र को रखे जाने वाले त्योहारों में बेटे के नाम पर अपने घर में ही एक पौधा लगाना शुरू किया था। आज उनके घर में पूरा बगीचा तैयार है और वह पेड़ बन चुके पौधों की बेटे की तरह ही परवरिश भी करती हैं। उनके बगीचे में विभिन्न प्रकार के फल-फूल के अलावा कई प्रकार की औषधियों के भी पौधे लहलहा रहे हैं। रानी बताती हैं कि उनकी बगिया में औषधियों से लेकर विभिन्न प्रकार के फल व सब्जियों के पौधे लगे हैं।
घर की छत पर शोभा बढ़ा रहा कमल
रानी की बगिया में आम फूलों के अलावा तालाब में सुशोभित होने वाला कमल भी अपना समय आने पर खिलता है। इसके लिए उन्होंने छत पर ही एक मिनी तालाब बनाया हुआ है जिसमें फूलों की कड़ी में कमल भी मौजूद है। दुर्लभ गिलोय व जरांकुश भी सुशोभित
बगीचे में तरोई, लौकी, बैगन, सेम, शिमला मिर्च सहित 40 तरह की सब्जियों के साथ टाइफाइड, चिकनगुनिया, डेंगू आदि बीमारियों में रामबाण गिलोय व जरांकुश भी हैं। साथ ही यहां 20 प्रकार की गुलाचीन भी लगी हुई है।
अडेनियम से मिलती है मन को शांति
यहां करीब 20 प्रकार के अडेनियम में जब फूल निकलते हैं तो वहां पर बैठना मन को एक अलग ही शांति देता है। वहीं एलोविरा, गुडहल व मीठी नीम उनके परिवार के अलावा अन्य लोगों की आवश्यकताएं भी पूरी करता है।