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परदेश से आने वाले अपनों को गांव के बाहर रोका

कोरोना के संक्रमण का भय हर किसी में समाया है। बचाव के लिए वह अपनों से दूरी बनाने में भी परहेज नहीं कर रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर सजग ग्रामीण दूसरे प्रांतो से वापस वतन लौटने वालों को भी गांव में प्रवेश से रोक रहे हैं। बड़ी संख्या में परदेश से आने वालों को लेकर शहर के लोग भले ही चितित न हो लेकिन गांव देहात के लोग इनसे संक्रमण का खतरा भाप रहे हैं। वह बाहर से आने वालों की निगरानी में लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 06:10 AM (IST)
परदेश से आने वाले अपनों को गांव के बाहर रोका
परदेश से आने वाले अपनों को गांव के बाहर रोका

जागरण संवाददाता, उन्नाव : कोरोना के संक्रमण का भय हर किसी में समाया है। बचाव के लिए वह अपनों से दूरी बनाने में भी परहेज नहीं कर रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर सजग ग्रामीण दूसरे प्रदेशों से वापस वतन लौटने वालों को भी गांव में घुसने से रोक रहे हैं। कई गांवों में तो स्वास्थ्य परीक्षण के बाद भी उन्हें गांव के अंदर आने से रोककर बाहर ही स्कूलों आदि में ठहराया जा रहा है।

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जिले में करीब डेढ़ हजार लोग दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, इंदौर आदि से अपने वतन वापस आ चुके हैं। यह वह लोग हैं जो सैकड़ों किमी पैदल चले उसके बाद सरकार ने उनकी सुध ली और बसें मुहैया करा उनके जनपदों को पहुंचाने का प्रबंध किया। वह वतन तो लौट आए लेकिन उनके अपनों में उनसे संक्रमण का भय समाया है इससे गांव के लोग उन्हें बाहर ही रोक रहे हैं ताकि गांव संक्रमण से मुक्त रहे। सफीपुर ब्लाक क्षेत्र के मिर्जापुर गांव में रविवार को दिल्ली से पहुंचे सूरजबली पाल, रामेन्द्र, लखपति, शिववरन, गोविद पाल, नीरज, चिरंजीव, बालेन्द्र पाल, अखिलेश, राहुल गोविन्द व देवगनमऊ निवासी रामू, दीपक नाई को ग्रामीणों ने गांव मे घुसने से मना कर दिया। ग्राम प्रधान मनु सिंह ने बताया कि गांव के बाहर उच्च प्राथमिक विद्यालय में उन्हें ठहराया गया है। उनके खाने पीने का प्रबंध किया गया है। बीघापुर ब्लाक क्षेत्र में अलग-अलग गांवों में करीब 400 लोग पहुंचे हैं। बीघापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इनका प्राथमिक परीक्षण किया गया। उसके बाद चौदह दिन होम क्वारंटीन रहने की सलाह दी गई है। पूर्व प्रमुख पप्पू सिंह ने बताया कि उनके रहने की व्यवस्था गांव के बाहर की जा रही है। फतेहपुर चौरासी के गांव तालिबपुर रहली ग्राम के 13 लोगों की पीएचसी में जांच की गई। डॉक्टरों ने 14 दिन लोगों से दूर रहने की सलाह दी है। पुरवा ब्लाक की 25 ग्राम पंचायतों में दो सैकड़ा लोग बाहर से आये हैं। ग्रामीण एक एक की सूचना दे जांच कराने पर नजर लगाए हैं। असोहा क्षेत्र की 67 ग्राम पंचायतों में ज्यादातर लोग बाहर से आ रहे हैं जिनकी सूचना ग्राम प्रधान ब्लाक से लेकर तहसील प्रशासन को दे रहे हैं। ग्राम प्रधानों में सोनू मिश्रा, शिवनारायण साहू, नरेश त्रिवेदी, दिनेश, सुधीर शुक्ल, दीप नारायण, सुधीर त्रिपाठी आदि ने बताया की अधिकारियों को बाहर से आए हुए लोगों की सूचना दे दी गई है। उन्हें बाहर ठहराने का प्रबंध कराने की मांग की है। औरास क्षेत्र की 61 ग्राम पंचायतों में रविवार दोपहर तक 485 लोग गैर प्रांतों से पहुंचे हैं। ग्रामीणों ने उन्हें गांव के बाहर ही रोक दिया और सभी को जांच कराने पीएचसी ले गए। डॉक्टर ने परीक्षण के बाद 14 दिन होम क्वारंटीन रहने की सलाह दी है। अब गांव वाले इनको बाहर न निकलने देने के लिए निगरानी में लगे हैं। गंजमुरादाबाद ब्लाक क्षेत्र की 60 ग्राम पंचायतों में रविवार तक 336 ग्रामीण बाहर से आये हैं। ग्रामीणों की सूचना पर इनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है। गंजमुरादाबाद नगर में नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा प्राथमिक विद्यालय में बाहर शहर से आने वाले लोगों को भी इसी प्रकार जांच कर घर जाने और अन्य लोगों से 14 दिन दूरी बनाकर रहने की बात बताई जा रही है,आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर उतरने वाले लोगो की थर्मल स्कैनिग की जा रही है।

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यहां हुई नाका बंदी

- फतेहपुर चौरासी ब्लाक के भड़सर नौशहरा में बाहर मजदूरी करने वाले लोगों के लिए नाका लगाया गया है ताकि वह गांव के भीतर बिना जांच कराएं ना घुस पाए। इसके पहले पड़री खुर्द गांव में भी ग्रामीणों ने गांव को जाने वाले मुख्य मार्ग पर बैरियर लगा दिया था। वैसे तो बाहर से आने वालों को 90 फीसद गांवों में प्रवेश से रोका जा रहा है।

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- बाहर से आने वाले लोगों को लेकर ग्रामीण संक्रमण फैलने के भय में हैं कई जगह से इसकी सूचनाएं भी आ रही हैं। स्कूलों को क्वारंटीन सेंटर बनाने के लिए आवंटित करने का निर्देश बीएसए और डीआइओएस को दे दिया है। क्षेत्रीय सीएचसी-पीएचसी के डॉक्टरों को उनकी डेली मॉनीटरिग करने को कहा है।

- रवींद्र कुमार, डीएम

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- बाहर से आने वाले लोगों की चौदह दिन तक निगरानी करने को प्रधानों के साथ हर आशा को जिम्मेदारी दी गई है कि अगर वह घर से बाहर निकलें तो सूचना दें। सभी सीएचसी-पीएचसी के डॉक्टरों को निर्देश दे दिया है कि वह अपने क्षेत्र के गांवों में बाहर से आने वालों की डेली मॉनीटरिग करें।

- डॉ. आशुतोष कुमार, सीएमओ


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