कुवैत से सलामत घर पहुंचा पवन
जागरण संवाददाता, उन्नाव : कमाई के लिए खाड़ी देश गया युवक एक शेख के चंगुल में फंसा और ज
जागरण संवाददाता, उन्नाव : कमाई के लिए खाड़ी देश गया युवक एक शेख के चंगुल में फंसा और जनवरी 2014 में चोरी का आरोप में सलाखों के पीछे पहुंच गया। जानकारी मिलने पर पत्नी, बेटी और मां ने उसे घर वापस लाने को डीएम से लेकर विदेश मंत्रालय तक दौड़ लगाई। 'दैनिक जागरण' ने परिवार की तकलीफ से मंत्रालय को वाकिफ कराया। उसके बाद सक्रिय हुए विदेश मंत्रालय ने कुवैत सरकार से संपर्क साधा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों से वहां की सरकार नरम पड़ी और 4 वर्ष 9 माह 17 दिन बाद शनिवार रात युवक भारत लौट आया।
बीघापुर के नगर पंचायत के मोहल्ला आंबेडकर नगर निवासी पवन कुमार (23) चमियानी निवासी अपने मौसेरे भाई अनिल की मददसे 23 अप्रैल 2013 को वर्क वीजा हासिल कर कुवैत के जहरा शहर पहुंचा था। वहां उसे शेख अब्दुल सेमरी की लांड्री में काम मिला। करीब दो माह बाद पवन ने शेख से घर भेजने के लिए पैसे मांगे तो उसने चार पांच माह पूरे होने पर एकमुश्त पगार देने का वादा किया और पासपोर्ट व वीजा अपने पास रख लिए। सात माह बाद भी पगार न देने पर परेशान पवन ने काम छोड़ दिया और दूसरी लांड्री में काम करने लगा। कुछ समय बाद शेख को इसकी जानकारी हुई, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा, उल्टे पैसे देने का आश्वासन देता रहा। जनवरी 2014 में अचानक शेख अब्दुल ने पवन पर 3000 दिनार चोरी का आरोप लगाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और उसे अपने पास बधुंआ मजदूरी करने को मजबूर कर दिया। जून 2016 में पवन वहां से किसी तरह भाग निकला और भारतीय दूतावास से संपर्क साधा लेकिन पास में पासपोर्ट व वीजा न होने से दूतावास ने उसकी कोई मदद नहीं की। उसने किसी तरह फोन पर पत्नी ममता को आपबीती सुनाकर मदद मांगी। इस बीच शेख ने उसे मुकदमा दर्ज करा दिया और गिरफ्तार करा दिया।
इधर पवन की पत्नी ममता और पुत्री आकांक्षा ने 'दैनिक जागरण' से दर्द साझा किया। इस पर 7 अप्रैल 2016 को 'कोई कुवैत से लौटा दे मेरा पति' शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया। उसके दो दिन बाद 9 अप्रैल को विदेशमंत्री सुषमा स्वराज की पहल पर विदेश मंत्रालय सक्रिय हो गया और कुवैत सरकार से संपर्क कर पवन को वापस लाने की कवायद शुरू कर दी। पांच फरवरी को शेख ने विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद अपना केस वापस ले लिया, जिसके बाद उसे आरोप मुक्त कर दिया गया। तब वह छूट सका। छह फरवरी को पवन ने इसकी सूचना पत्नी को देते हुए 10 फरवरी को अपने वतन वापस लौटने की जानकारी दी। इसी के बाद शनिवार रात करीब 10.30 बजे पवन कुमार भारत लौट आया। अभी वह पत्नी और बेटी के साथ दिल्ली स्थित ससुराल में ही है।