मार्च के एलान पर जामा मस्जिद दौड़े अफसर
मुख्यमंत्री की सख्त हिदायत के बाद प्रशासन रात से अलर्ट मोड पर था। सुबह जुमा की नमाज अदा होने से कुछ घंटा पहले दो संगठनों ने सीएए के विरोध में ज्ञापन देने के लिए जामा मस्जिद के सामने से मार्च करने का ऐलान कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही अफसरों की नींद उड़ गई। एडीएम और एएसपी भारी पुलिस बल के साथ जामा मस्जिद की ओर दौड़ पड़े। अचानक भारी पुलिसबल की घेरा बंदी देख क्षेत्र में सनसनी फैल गई। कई घंटे तक लोग घरों में ही दुबके रहे।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : सीएम की सख्त हिदायत के बाद प्रशासन रात से अलर्ट मोड पर था। शुक्रवार सुबह जुमा की नमाज होने से कुछ घंटा पहले दो संगठनों ने सीएए के विरोध में ज्ञापन देने और जामा मस्जिद के सामने से मार्च करने का ऐलान कर दिया। जानकारी मिलते ही अफसरों की नींद उड़ गई। एडीएम व एएसपी भारी पुलिस बल के साथ जामा मस्जिद पहुंच गए। अचानक पुलिस की घेराबंदी देख क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
हुआ यह कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और वामसेफ ने पूर्वाह्न नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ जामा मस्जिद के सामने से कलेक्ट्रेट तक प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन देने आने के लिए मार्च का ऐलान कर दिया। पहले से अलर्ट अफसरों को इसकी सूचना मिली तो वह जामा मस्जिद पहुंच गए। कुछ ही देर में एडीएम राकेश सिंह, एएसपी विनोद पांडेय, सीओ सिटी यादवेंद्र यादव, नगर मजिस्ट्रेट राकेश गुप्ता, कोतवाली प्रभारी दिनेश मिश्र भी भारी पुलिस और पीएसी बल के साथ पहुंचे। एडीएम और एएसपी ने शहर काजी और जामा मस्जिद के मौलाना से बात की तो उन्होंने कहा कि मस्जिद की ओर से ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया है। इस पर प्रशासन ने उनसे शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग मांगा। मस्जिद के मौलवी ने भले ही मार्च के ऐलान से इंकार किया हो लेकिन प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ मस्जिद के बाहर ही डटा रहा।
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दिनभर छावनी बनी रही जामा मस्जिद
- मार्च के ऐलान से अफसर कोई ऐसा मौका नहीं देना चाहते थे जो कानून और शांति व्यवस्था के लिए समस्या बनता। इससे जामा मस्जिद दिनभर छावनी बनी रही। पुलिस, पीएसी और प्रशासनिक अधिकारी नमाज अदा होने के बाद तब तक घेराबंदी किए रहे जब तक नमाजी घर वापस नहीं लौट गए।
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जामा मस्जिद जाने वाले मार्ग रहे सील
- जामा मस्जिद को जाने वाले सभी मार्गों को बैरीकेडिग लगाकर पहले से ही सील कर दिया गया था। चौपहिया वाहनों का आवागमन पूरी तरह से रोक दिया गया था। वहीं कसाई चौराहा और छोटा चौराहा पर भारी पुलिस बल लगा दिया गया था। किसी को दोपहिया वाहन नहीं ले जाने दिया गया सभी पैदल गए।