ओडीएफ जरूरी खुले में शौच जाना मजबूरी
जागरण टीम, पुरवा : संपूर्ण स्वच्छता मिशन के अंतर्गत Þशौचालय का करो प्रयोग, स्वच्छ रहो और ब
जागरण टीम, पुरवा : संपूर्ण स्वच्छता मिशन के अंतर्गत Þशौचालय का करो प्रयोग, स्वच्छ रहो और बनो निरोगÞ का नारा तमाम प्रयासों के बाद भी पुरवा तहसील क्षेत्र में सार्थक होता नहीं दिख रहा। योजना को फलीभूत करने के लिए केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों के निर्माण पर करोड़ों खर्च तो कर दिए किन्तु शौचालय का उपयोग कर निरोग रहने के प्रति जागरूकता नहीं आ सकी। स्वच्छता अभियान की हकीकत जानने के लिए शनिवार को जागरण ने तहसील क्षेत्र के तीनों ब्लाकों में शौचालयों के उपयोग की स्थिति का जायजा लिया। विकास खण्ड पुरवा के ग्राम गोकुलपुर में 80 फीसदी लोगों के घरों में शौचालय बनकर तैयार हैं। यहां अभी भी बीस फीसदी आबादी की स्वच्छता के प्रति सोच पूर्ण रूप से विकसित नहीं कर सकी है। गांव के 54 शौचालयों में से कई में ताला बंद है। विकास खंड असोहा के ग्राम पंचायत सुर्जापुर में ओडीएफ के नाम पर सिर्फ दिखावा है। यहां 242 के सापेक्ष दावा तो 180 शौचालय बनाने किया जा रहा है पर हकीकत कुछ और ही है। इनमें से अधिकांश अधूरे हैं। किसी मे अभी छत नही तो किसी के गड्ढे अभी तक खुदे पड़े है। यहां सरकारी लापरवाही स्वच्छता अभियान की हवा निकाल रही है। विकास खंड हिलौली के गांव बख्तौरी खेड़ा में 40 के सापेक्ष सिर्फ 23 का ही निर्माण अब तक हो पाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां एक एक घर में दो-दो शौचालय दिए गए। हमको बाहर शौच जाने भारी दिक्कत है। शौचालय का लाभ पाने के लिए पात्र भी हूं। लेकिन योजना का लाभ नहीं दिया गया।
- दिव्यांग रामनिवास, बख्तौरीखेड़ा हिलौली गांव में रेवड़ी की तरह शौचालय बांटे गए हैं। पात्र होने के बावजूद मुझे योजना का लाभ नहीं दिया गया। शौचालय न मिलने से खुले में शौच जाना मजबूरी है।
- परमेश्वरी, सुर्जापुर असोहा गांव के लोग शौचालयों के उपयोग में धीरे धीरे जागरूक हो रहे है। गांव के 90 फीसदी लोग शौचालय इस्तेमाल कर रहे है। बाकी जो बचे हैं वह भी करेंगे।
- सूर्य कुमार गुप्ता गोकुलपुर, पुरवा