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बदइंतजामी देख नोडल अफसर ने ली क्लास

जागरण संवाददाता, उन्नाव : जिले के नोडल अधिकारी प्रमुख सचिव राजन शुक्ल ने शुक्रवार को जिला अ

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 07:13 PM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 07:13 PM (IST)
बदइंतजामी देख नोडल अफसर ने ली क्लास
बदइंतजामी देख नोडल अफसर ने ली क्लास

जागरण संवाददाता, उन्नाव : जिले के नोडल अधिकारी प्रमुख सचिव राजन शुक्ल ने शुक्रवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण किया, इस दौरान जगह-जगह गंदगी मिली, यही नहीं जिस भी मामले की जानकारी चाही सीएमएस सहित कोई डॉक्टर नहीं दे पाया। गंदगी और बदइंतजामी देख प्रमुख सचिव का पारा चढ़ गया उन्होंने मैनेजर पर कार्रवाई करने और तीन डॉक्टरों को बुलाकर जवाब तलब किया।

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जिले के नोडल अफसर व प्रमुख सचिव राजन शुक्ला शुक्रवार दोपहर जिला अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी के सामने पहुंचते ही कोने में कूड़ा जमा देख उनकी भृकुटी तन गई। बाहर खड़ी तीमारदार से दवा इलाज की जानकारी ली। इसके बाद सीटी स्कैन मशीन कब स्वीकृत हुई प्रोजेक्ट कितने का है आदि की जानकारी मांगी तो वह भी कोई नहीं बता सका। इमरजेंसी में डॉ. तेजवीर ¨सह से उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली। एसएनसीयू में भर्ती बच्चे के उपचार की भी जानकरी ली। इमरजेंसी की एक्सरे मशीन ट्रामा में कैसे लगी यह भी कोई नहीं बता पाया।

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24 घंटे बाद नहीं कराया अल्ट्रासाउंड

- वार्ड में भर्ती सुषमा पुत्री धीरेंद्र ¨सह निवासी कंजौरा के परिजनों ने शिकायत की डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड जांच लिखी लेकिन 24 घंटे बाद तक जांच नहीं हुई। प्रमुख सचिव कड़ी नाराजगी जता सीएमएस डॉ. एम लाल को तत्काल महिला अस्पताल से उसका अल्ट्रासाउंड करा रिपोर्ट देने को कहा। तब उसका अल्ट्रासाउंड हुआ।

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मरीज को वॉलीबाल मत बनाओ

- प्रमुख सचिव निरीक्षण कर रहे थे तभी सधवाखेड़ा निवासी सुशील ने शिकायत की पत्नी रूपादेवी वार्ड में भर्ती है। फिजीशियन और सर्जन इलाज न कर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टाल रहे हैं। यह सुन सचिव राजन शुक्ल ने सीएमएस से कहा कि मरीज को वॉलीबाल मत बनाओ। इसके बाद वार्ड जाकर मरीज को देखा और सर्जन व फिजीशियन को तलब कर जानकारी ली। बाद में सर्जन संजय वर्मा व फिजीशीयन डॉ. आलोक पांडेय को मरीज देखने की जिम्मेदारी दी।

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पर्चा काउंटर की छत मिली टपकती

- प्रमुख सचिव राजन शुक्ला ने पर्चा काउंटर का निरीक्षण किया। काउंटर पर दोपहर 1 बजे तक बने कुल पर्चों की संख्या पूछी। काफी देर बाद कर्मचारी संख्या बता पाए। इस दौरान पर्चा काउंटर की छत से पानी टपकता देख सीएमएस से पूछा कि भवन निर्माण कब हुआ था। सीएमएस जानकारी नहीं दे पाए। जन औषधालय में एक मरीज द्वारा पर्चा पर साल्ट नेम न लिखने की जानकारी दी गई जिस पर डाक्टर को तलब किया।

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तीन डॉक्टर व मैनेजर पर लटकी तलवार

- प्रमुख सचिव राजन शुक्ल ने बदइंतजामी पर सीएमएस को सुधार की चेतावनी देने के साथ ही डॉ. जेपी बाजपेई, डॉ. एसएम गुप्ता, डॉ. मनोज व मैनेजर आरिफ से स्पष्टीकरण कर तलब किया। इससे उन पर कार्रवाई की आशंका बनी है।


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