म्युजिकल पालने में झूलेंगे नंदलाल
जागरण संवाददाता उन्नाव श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाएगी। अधिकांश भक्त मंगलवार को ही भ
जागरण संवाददाता, उन्नाव : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाएगी। अधिकांश भक्त मंगलवार को ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। सोमवार को शहर का प्रमुख बाजार हो फिर मोहल्लों का बाजार सभी कान्हा के रंग में रंगी नजर आई। कान्हा की झांकी सजाने के लिए भक्त भी मनपसंद सामान की खरीदारी करते नजर आए। नटखट नंद किशोर की मनमोहक प्रतिमाओं, पालने व वस्त्रों की खरीदारी को लेकर श्रीकृष्ण भक्तों की बाजार में खासी भीड़ रही।
सभी प्रमुख बाजारों में लड्डू गोपाल और राधा कृष्ण की प्रतिमाओं की दुकानें सजी थीं। मेवे के स्टाल और घरों में झांकियां सजाने की सामग्री भी खूब बिकी। घरों में लड्डू गोपाल को झुलाने के लिए रेडीमेड पालने भी बाजार में खूब लगे थे। भक्तों की पहली पसंद लाइटिग ड्रेस और म्युजिकल पालना रही। बड़ा चौराहा बजार के दुकानदार अंकित ने बताया कि म्युजिकल पालना इस बार नया आया है। इसकी खासियत यह है कि पालना में चमचमाती लाइटिग के साथ ही नंदलाल के सुमधुर भजनों की रसधार भी पालन को झुलाने के साथ ही बहने लगती है। पालना की कीमत भी तीन सौ से लेकर बारह सौ रुपया थी। इससे लड्डू गोपाल को झुलाने के लिए भक्तों ने पालने भी खूब खरीदे। झांकी सजाने के लिए कांपी-किताब की दुकानों पर चमचमाती पन्नियां भी खूब बिकी।
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झांकी सजाने को खूब बिकी कान्हा ड्रेस
- बच्चों को कान्हा और राधा का वेषधारण कराने के लिए कान्हा ड्रेस, पालकी, झूले, सिंहासन, मुकुट, मोरपंख, माला, बांसुरी और कुंडल की जमकर बिक्री हुई। दूसरी ओर कान्हा की पीतल व व्हाइट मेटल मूर्तियां भी खूब बिकी। मेटल प्रतिमाओं की कीमत पांच सौ से दो हजार रुपया तक थी। सबसे अधिक मोरपंख महंगा था। पचास से लेकर सौ रुपया तक में मोर पंख बिका।
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चायनीज प्रतिमा नहीं आई नजर
- इसबार सबसे खास बात यह थी बाजार से चायनीज प्रतिमा और सजावट की सामग्री गायब थी। यहां तक लाइटिग के लिए झालरें भी स्वदेशी ही नजर आईं। सजावट की सामग्री बेच रहे अनुज ने कहा कि इसबार चायनीज सामग्री न बेचने का संकल्प ले लिया था। खरीदारी कर रही शिखा वर्मा ने कहा कि स्वदेशी से भगवान का पूजन करूंगी।
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देसी सजावट सामग्री का रहा बोलबाला
- बाल गोपाल के लिए लाल, हरे, पीले, नीले रंगों में गोटे से सजी पोशाकें, इसके साथ-साथ पालना में बैठे कृष्ण भगवान, माखन खाते कान्हा की प्रतिमा भी खूब बिकी। मोतियों की सजावट वाली बांसुरी, मुकुट, मोतियों की रंग-बिरंगी माला, बाजूबंद तो बिके ही। इस बार भगवान का दरबार सजाने के लिए कागज और कृतिम फूलों की लड़ियां भी लोगों की पहली पसंद रहीं। लड्डू गोपाल और माखन खाते कान्हा की प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी प्रतिमाएं मन मोहती रहीं।