नहीं निकलेगा मुहर्रम का जुलूस, घरों में मातम
जागरण टीम उन्नाव मुहर्रम की नौवीं तारीख को जिले में जहां तमाम स्थानों पर ताजिया जुलूस उठ
जागरण टीम, उन्नाव: मुहर्रम की नौवीं तारीख को जिले में जहां तमाम स्थानों पर ताजिया जुलूस उठता रहा है, वहीं उन्नाव शहर में दसवीं की तारीख पर मुहर्रम का जुलूस निकाला जाता है। इस बार कोरोना प्रोटोकॉल को देखते हुए मुहर्रम का जुलूस नहीं निकलेगा। प्रशासन ने इसके लिए मुस्लिम धर्मगुरुओं से सहयोग मांगा था। उलेमाओ ने ताजियेदारों को घर में मातम व ताजिए दफन करने की अपील की है। वहीं मुहर्रम को लेकर प्रशासन खासा सर्तक रहा और संवेदनशील क्षेत्र में पुलिस की कड़ी चौकसी रही।
सफीपुर में मुहर्रम की नौंवी तारीख को कस्बे में ताजिया जुलूस उठता रहा है और पूरे कस्बे का गस्त करने के बाद और मातम करने के बाद ताजिया कर्बला मे दफन कर दिए जाते थे। लेकिन इस बार कोविड-19 महामारी को देखते हुए लोगों ने इमाम चौक पर ताजिया न रखकर लोगों ने अपने घरों में ही ताजिये रखें और उनको दफन कर दिया। वहीं कुछ स्थानों पर नौवीं रात से लेकर 10वीं मोहर्रम शाम तक प्रतिवर्ष उठने वाले जुलूस को कोविड के अनुपालन में नहीं उठाया गया। मातमदारों ने घरो में अलम, ताबूत सजाते हुए ताजिया रखा। फतेहपुर चौरासी में इमाम हुसैन व उनके अन्य साथियों का गम मनाते हुए लोगो ने सात मुहर्रम को लोगों ने घरों में शहीद हजरत कासिम का ताबूत सजाया। उसके बाद आठ मोहर्रम को शहीद मौला अब्बास की शहादत पर उनका अलम सजाया गया। 9 नौ मुहर्रम को छह माह के शहीद अली असगर के झूले को उठा मासूम को याद किया गया। रातभर इबादते की गई। उसके बाद सुबह से ही एक-एक, दो-दो लोगो ने करबला जाकर ताजिया दफन किया। जिसमें अधिकांश तो कार व बाइक से ताजिया लेकर कर्बला पहुंचे। एसडीएम राजेन्द्र कुमार, क्षेत्राधिकारी एमपी शर्मा, कोतवाल हरिकेश राय क्षेत्र में निगरानी करते रहे। शहर में तालिब सरांय कर्बला के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा। सीओ सिटी कृपाशंकर और कोतवाल दिनेश मिश्र सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे।