गरीबी से लाचार मां नहीं करा पा रही थी बीमार बेटी का इलाज, मासूम को मारकर दे दी अपनी जान
पति ने गुरुवार को उसे और बच्ची को साथ ही डॉक्टर के पास ले जाने की हामी भरी और अन्य बच्चों को लेकर बाहर सोने चला गया।
उन्नाव (जेएनएन)। गरीबी की लाचारी थी और बीमारी का दर्द। फोड़े के दर्द से तड़पती 15 दिन की नवजात बेटी की तकलीफ देखी न गई तो बीमार मां ने बच्ची का गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद आत्मग्लानि में खुद भी फांसी लगाकर जान दे दी। परिवारीजन को सुबह इसकी जानकारी हुई। मां-बेटी के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
दिपवल गांव निवासी गंगा प्रसाद की पत्नी सरिता ने 15 दिन पहले ही बेटी को जन्म दिया था। इससे पहले उसके तीन बेटे और चार बेटियां थी। बेटी के जन्म के बाद से सरिता बीमार चल रही थी, वहीं नवजात बच्ची के फोड़ा हो गया था, उसका गला भी सड़ रहा था। गुरुवार रात सरिता ने पति गंगा प्रसाद से बच्ची को डॉक्टर के पास ले जाने को कहा।
पति ने गुरुवार को उसे और बच्ची को साथ ही डॉक्टर के पास ले जाने की हामी भरी और अन्य बच्चों को लेकर बाहर सोने चला गया। रात में किसी वक्त सरिता ने पहले नवजात बच्ची का गला दबाया फिर खुद फंदे पर लटककर जान दे दी। एसओ औरास ने घटना से अनभिज्ञता जताई है।
पहले भी कर चुकी थी जान देने का प्रयास
ग्रामीणों के अनुसार सरिता कई सालों से मानसिक बीमारी के दौर से गुजर रही थी। इससे पहले भी उसने कई बार जान देने का प्रयास किया था।
गरीबी से थी परेशान
ग्रामीणों के मुताबिक पहली पत्नी के घर छोड़कर चले जाने के बाद गंगाप्रसाद ने सरिता से दूसरी शादी की थी। मजदूरी कर वह परिवार का पेट पाल रहा था। चार बेटियां और तीन बेटे पहले से थे। 15 दिन पहले एक और बच्ची के जन्म के बाद वह मां-बेटी बीमार चल रही थीं। इलाज के पैसे नहीं थे इसीलिए उसने यह कदम उठाया।