Move to Jagran APP

सॉलिड वेस्ट की मॉनिट¨रग भी प्रदूषण बोर्ड के जिम्मे

जागरण संवाददाता, उन्नाव: जल, वायु व ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ अब प्रदूषण बोर्ड नगर निकायों, फैक्ि

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 11:19 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 11:19 PM (IST)
सॉलिड वेस्ट की मॉनिट¨रग भी प्रदूषण बोर्ड के जिम्मे
सॉलिड वेस्ट की मॉनिट¨रग भी प्रदूषण बोर्ड के जिम्मे

जागरण संवाददाता, उन्नाव: जल, वायु व ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ अब प्रदूषण बोर्ड नगर निकायों, फैक्ट्रियों व अस्पतालों से निकलने वाले ठोस अपशिष्ट की भी मॉनिट¨रग करेगा। विभाग के अधिकारी सीवरेज, फैक्ट्रियों से होने वाले डिस्चार्ज व अस्पतालों से निकलने वाले बायो कचरे की भी निगरानी करेंगे। अगर कोई मानकों के उल्लंघन का दोषी मिलता है तो विभाग के अधिकारी ही कार्रवाई के घेरे में होंगे। यह निर्देश ठोस अपशिष्ट प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने एक बैठक में प्रदूषण अधिकारी को दिए हैं।

loksabha election banner

अभी तक प्रदूषण विभाग जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण की मॉनिट¨रग करता था। समय-समय पर इनकी जांच करना, सैंप¨लग करना, मानकों के विपरीत काम करने वालों के खिलाफ नोटिस जारी करने के साथ उच्चाधिकारियों के निर्देश के अनुसार कार्रवाई करना भी विभागीय अधिकारियों के जिम्मे था। लेकिन, अब ठोस अपशिष्ट प्रबंधन समिति ने उनके कार्य का दायरा बढ़ा दिया है। बीते दिनों उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डीपी ¨सह ने इसको लेकर लखनऊ में प्रदूषण अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें नगर पालिका के अलावा प्रदूषण बोर्ड को भी ठोस अपशिष्ट की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।

ठोस अपशिष्ट से भी दूषित होता ग्राउंड वाटर

समिति के अध्यक्ष ने कहा कि अगर ठोस अपशिष्ट का सही निस्तारण नहीं होगा तो गंगा नदी के साथ ही ग्राउंड वाटर में भी प्रदूषण बढ़ेगा। यदि सख्त निगरानी कर इसे रोक लिया जाए तो ग्राउंड वाटर भी प्रदूषण रहित होगा।

-------------------

प्लास्टिक व सॉलिड वेस्ट पर भी लगाम के निर्देश

बैठक में सॉलिड वेस्ट के साथ प्लास्टिक पर भी लगाम कसने को कहा गया। इसके लिए जिला प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अलावा केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को भी इसका स्थलीय निरीक्षण कराने को निर्देशित किया गया है।

-------------------

40 से 50 मीट्रिक टन रोज निकलता है ठोस अपशिष्ट

आंकड़े बताते हैं कि निकाय, अस्पताल व उद्योगों से रोजाना करीब 40-50 मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट निकलता है। इसका बहुत सारा भाग इधर उधर फेंक दिया जाता है और नालियों में बहा दिया जाता है। जो सड़ कर बदबू फैलाते हैं और पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं।

-------------------

उप्र ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष ने लखनऊ में आयोजित मी¨टग में ठोस अपशिष्ट को लेकर निर्देश दिए हैं। इसे देखते हुए संबंधित विभागों व उद्योगों को नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है।

- विमल कुमार, आरओ, जिला प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.