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उन्नाव : 12 साल की उम्र में दुष्कर्म पीड़िता ने बेटा जन्मा, गांव के तीन लोगों ने अगवा कर बनाया था हवस शिकार

एक नजर-1 बअ अ बअउन्नाव के मौरावां क्षेत्र के एक गांव में तीन लोगों ने किशोरी को अगवा करके अपनी हवस का शिकार बनाया है सात माह पहले पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करके आरोपितों को गिरफ्तार किया था। मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

By brajesh shuklaEdited By: Abhishek AgnihotriPublished: Tue, 20 Sep 2022 08:43 PM (IST)Updated: Wed, 21 Sep 2022 04:02 AM (IST)
उन्नाव : 12 साल की उम्र में दुष्कर्म पीड़िता ने बेटा जन्मा, गांव के तीन लोगों ने अगवा कर बनाया था हवस शिकार
उन्नाव के मौरावां क्षेत्र का मामला है।

उन्नाव, जागरण संवाददाता। मौरावां क्षेत्र की सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित बालिका ने मंगलवार को जिला अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। बच्चा डाक्टरों की निगरानी में रखा गया है। पीड़िता ने बच्चे को खुद पालने की बात कही है और उसकी मां ने इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ने की बात कही है।

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मौरावां क्षेत्र के एक गांव निवासी 12 वर्षीय बालिका 13 फरवरी को पड़ोस की दुकान से शक्कर खरीदने गई थी। गांव के तीन लोगों ने अगवा कर कब्रिस्तान ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। न्यायालय में हुए बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपित अरुण, सतीश व बालिका के एक रिश्तेदार को जेल भेज दिया था। पांच माह बाद उसे गर्भवती होने की जानकारी मिली थी। मंगलवार सुबह प्रसव पीड़ा होने पर उसकी मां सुबह 7:15 बजे सखी वन स्टाप सेंटर की महिला सिपाही सरिता के साथ जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया। दोपहर 12: 09 बजे उसने बच्चे (लड़का) को जन्म दिया।

प्रसव कराने वाली महिला चिकित्सक डा. रानीबाला ने बताया मां व बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। कम दिनों का बच्चा होने के कारण उसे सिक न्यूबार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू ) में भर्ती करा दिया है। जहां उसे विशेष निगरानी में रखा गया है। वहीं मां बनी दुष्कर्म पीड़ित बालिका ने कहा कि वह बच्चे को स्वयं पालेगी। न्यायालय के जरिए इंसाफ की लड़ाई लड़ेगी।

सोमवार से वन स्टाप सेंटर में थी पीड़िता

प्रोबेशन अधिकारी रेनू यादव ने बताया कि बाल कल्याण समिति के आदेश पर पीड़िता को सखी वन स्टाप सेंटर में सोमवार को रखा गया था। उसका चेकअप होना था। देरी से पहुंचने के कारण चेकअप नहीं हो पाया था। इससे वह रात में वहीं रुकी थी। मंगलवार सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। अध्यक्ष बालकल्याण समिति, न्याय पीठ प्रीति सिंह ने बताया कि अस्पताल जाकर बच्चे और मां की सेहत के संबंध में डाक्टर से बात की है। बच्चे की दूध पीने और सांस लेने में कुछ परेशानी है।


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