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हुनर ने बनाया पर्यावरण प्रहरी

जागरण संवाददाता, उन्नाव : लगन सच्ची और कुछ कर गुजरने का जज्बा तो हुनर की राह की राह

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jan 2018 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jan 2018 03:00 AM (IST)
हुनर ने बनाया पर्यावरण प्रहरी
हुनर ने बनाया पर्यावरण प्रहरी

जागरण संवाददाता, उन्नाव : लगन सच्ची और कुछ कर गुजरने का जज्बा तो हुनर की राह की राह में शिक्षा भी बाधा नहीं बन पाती। ऐसा ही कुछ तंगहाली में गुजर कर रहे प्रशांत कुमार ने कर दिखाया। हुनर को कामयाबी तक पहुंचाने के लिए उसने आर्थिक तंगी के बाद भी कुछ पैसा जुटाया और कबाड़ से सामान लेकर उसने वह कर दिखाया जिसके लिए इंजीनियर सालों रिसर्च करते। हुनर का लोहा मनवाने के लिए इंटर फेल प्रशांत ने बिना इंजन वाली ई-बाइक बना डाली और उसका खुद प्रयोग कर पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के प्रहरी बन गए।

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थाना बिहार के गांव महाई के निवासी प्रशांत के पिता बुद्धीलाल कर्ज के कारण रोजी रोटी की तलाश के लिए गांव छोड़ कर शुक्लागंज के कृष्णानगर अंबिकापुरम में किराये पर आकर रहने लगे। परिवार चलाने के लिए एक पान मसाला कंपनी में सेल्समैन का काम किया। परिवार का खर्च नहीं चला तो पिता के साथ प्रशांत भी सेल्समैन का काम करने लगा। बचपन से ही इलेक्ट्रानिक में नई खोज करने को उत्सुक रहा प्रशांत धनाभाव में तकनीकी शिक्षा तो नहीं हासिल कर सका लेकिन उसने खोज जारी रखी। बिना इंजन के बैट्री से बाइक चलाने की ठानी इसके बाद वह कबाड़ से बिना इंजन की एक हांडा बाइक खरीद कर लाया और चार बैट्री के सहारे उसने बाइक को बिना इंजन के बैट्री से चला दिया। प्रशांत ने बताया कि बिना इंजन चार बैट्री व मोटर के सहारे उसने बाइक तैयार की कबाड़ की बाइक से लेकर अन्य सामान तक में करीब 1400 हजार रुपया का खर्च आया। उसने अपनी शोध का लोहा मनवाने के लिए बाइक लेकर प्रशासन के दरवाजे तक जा चुका है।


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