झमाझम बारिश ने उमस से दी राहत, जलभराव से आफत
जागरण संवाददाता उन्नाव शुक्रवार की दोपहर उत्तर-पूर्व की हवा का दबाव बनने से शहर में झ्
जागरण संवाददाता, उन्नाव: शुक्रवार की दोपहर उत्तर-पूर्व की हवा का दबाव बनने से शहर में झमाझम बारिश हुई। वहीं जिले के अन्य हिस्सों में रिमझिम पानी बरसा। बरसात होने से लोगों को उमस से राहत मिली, लेकिन शहर में जगह-जगह जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। खेतों में भी पानी भरने से किसानों के चेहरे खिल गए। असल में धान की रोपाई के लिए बारिश का पानी किसानों के लिए खासा मददगार साबित होगा।
मानसून के बादलों के न बरसने से किसान के साथ आम लोग परेशान थे। इस साल मानसून आने के बाद शहर में दूसरी बार झमाझम बारिश हुई। जून से लेकर अब तक सात बार पानी बरसा है, जिसमें अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में तेज वर्षा हुई है। शहर में रिमझिम बारिश हुई है। शुक्रवार को हवा का रुख पलटने से डेढ घंटे तक तेज बारिश हुई, इस कारण धवन रोड, अनवार नगर, बड़ा चौराहा, छोटा चौराहा, कचौड़ी वाली गली, कलेक्टरगंज, शाहगंज, नारेंद्र नगर, कब्बाखेड़ा, पीतांबर नगर, तालिब सराय, पत्थर कालोनी में पानी भर गया। बारिश ने एक बार फिर नगर पालिका की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। क्वेटा तालाब और अन्य छोटे नालों के चोक होने से लोगों को एक बार फिर जलभराव का सामना करना पड़ा।
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केला होगा मीठा
- बारिश से केला में मिठास आ जाएगी और वह जल्द पकेगा। इस समय जिले की कटरी बेल्ट में केला की बाग तैयार हो गई है और अगस्त के दूसरे सप्ताह से केला बाजार में आ जाएगा। उद्यान वैज्ञानिक डॉ. अजीत प्रताप सिंह का कहना है कि बारिश होने से केला को ताकत मिल गई है तो साथ ही फल की मिठास भी बढ़ेगी। वहीं केला का पत्ता हरा रहेगा जिससे उसके व्यापार में किसानों को दिक्कत नहीं आएगी।
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धान और मक्का की फसल को मिली राहत
- जिले में इस समय 40 हजार हेक्टेयर में मक्का की फसल खड़ी है। बारिश न होने से फसल सूख रही थी लेकिन तीन दिन में दो बार बारिश होने से मक्का की फसल को सिचाई का पानी मिल गया है तो वहीं धान की रोपाई भी तेज हो सकेगी। किसान पानी न बरसने से रोपाई के लिए निजी संसाधन जुटा रहा था लेकिन तीन दिन में 120 एमएम बारिश से किसानों को सहायता मिली है।
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डेढ घंटे में 30 एमएम हुई बारिश
- जिले में शुक्रवार को डेढ घंटे के भीतर 30 एमएम बारिश हुई। इसमें शहर में सबसे अधिक 22 एमएम बारिश बरसा। इस कारण तापमान भी तीन डिग्री कम हो गया। अधिकतम तापमान 30 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 25 डिग्री रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक उत्तर-पूर्व की हवा का दबाव बना हुआ है। इस कारण अगले 24 घंटे में बारिश की संभावना है। साथ ही उमस भी रहेगी।
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- खरीफ की फसल को इस समय पानी की जरूरत है तो ऐसे में बारिश होने से किसानों की समस्या का निस्तारण हो रहा है। जुलाई में औसत बारिश हुई है। यदि अगस्त में भी औसत बारिश होती है तो धान की फसल अच्छी होगी।
- केके मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी