माखी भैंसकांड में कुंडा कोतवाल भेजे गए जेल
जागरण संवाददाता, उन्नाव : कागजों में सिपुर्दगी दिखा दो सौ से ज्यादा दुधारू भैंस गायब करने क
जागरण संवाददाता, उन्नाव : कागजों में सिपुर्दगी दिखा दो सौ से ज्यादा दुधारू भैंस गायब करने का मामला, माखी भैंसकांड मंगलवार को एक बार फिर चर्चा में आ गया। एंटी करप्शन की जांच में दोषी करार दिए गए तत्कालीन माखी एसओ और वर्तमान में प्रतापगढ़ के कुंडा कोतवाली के प्रभारी अनिरुद्ध सिंह की अंतरिम जमानत अर्जी जिला न्यायालय ने खारिज कर दी। इसके बाद कोतवाल जेल भेज दिए गए। बुधवार को इस मामले की पुन: सुनवाई होगी।
अगस्त 2008 में माखी थाना पुलिस ने 13 ट्रकों में लदी 337 भैंसें बरामद की थी। पशुक्रूरता की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर चालक और व्यापारी आदि को जेल भेजा था। इसके बाद भैंसों की सुपुर्दगी में बड़ा खेल किया गया। सुपुर्द की गई भैसों का पता नहीं चला। दैनिक जागरण ने 11 अगस्त के अंक में भैंसों को स्लाटर हाउस को सौंपे जाने की आशंका जताई थी। तत्कालीन एसपी पीके मिश्र ने सीओ को जांच दी। सीओ की जांच में 126 भैंसों का ही भौतिक सत्यापन हो सका जबकि शेष 211 का पता नहीं चला। इनमें अकेले रहीशुद्दीन पुत्र इस्माइल खां की 75 दुधारू भैंसें शामिल थीं। सीओ ने जांच में भैंसों को बरामद करने वाली पुलिस टीम को अनुचित लाभ लेकर आपराधिक कृत्य करने का दोषी पाया। चार जून 2009 को जांच स्पेशल इन्वेस्टीगेशन सेल (एसआइएस) को सौंपी गई, लेकिन इसने भी खानापूर्ति ही की। पशुपालकों की काफी भागदौड़ के बाद शासन ने 17 अक्टूबर 2011 को जांच एंटी करप्शन को सौंप दी। शुरुआत में जांच सीओ एंटी करप्शन ओपी त्रिपाठी ने की और वर्तमान में श्याम चंद्र तिवारी कर रहे हैं। एंटी करप्शन ने माखी थाने के तत्कालीन एसओ अनिरुद्ध ¨सह, दारोगा रियाज अहमद, कांस्टेबल वीर ¨सह, वीरेंद्र, त्रिभुवननाथ व होमगार्ड नन्हा ¨सह को आरोपित बनाते हुए कोर्ट में प्राथमिक चार्जशीट सौंपी थी। कुंडा कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक अनिरुद्ध ¨सह मंगलवार को गैर जमानती वारंट जारी हो जाने के बाद आत्मसमर्पण करने जिला जज अखिलेश कुमार तिवारी की न्यायालय में पहुंचे थे। जिला जज ने उनकी अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज करते हुए बुधवार की तारीख दी।