इंटरनेट सेवा ठप होने से बैंकों का काम थमा
जागरण संवाददाता, उन्नाव : शहर के पीडी नगर में अमृत योजना के तहत पाइप लाइन को बिछाए जाने
जागरण संवाददाता, उन्नाव : शहर के पीडी नगर में अमृत योजना के तहत पाइप लाइन को बिछाए जाने में चल रहे खोदाई कार्य में कटी ओएफसी सोमवार मध्याह्न तक नहीं जुड़ सकी। जिस कारण दो दिन बाद खुले बैंक और सरकारी विभागों का कामकाज प्रभावित हुआ। करीब चार घंटे तक यह दुश्वारी बनी रही।
शनिवार अपराह्न जेसीबी के खोदाई कार्य में बीएसएनएल की ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) के कई टुकड़े हो गए थे। जिस कारण हिरन नगर, सिविल लाइन्स, जवाहर नगर, अस्पताल रोड सहित पीडी नगर एक्सचेंज से जुड़े अन्य क्षेत्रों में बीएसएनएल की ब्रॉडबैंड सेवा और बीटीएस बंद पड़ गए थे। जिन्हें बहाल करने के लिए एक्सचेंज के अधिकारियों ने अवकाश के दिन भी जूझना पड़ा। लेकिन, कटी केबल को वह जोड़ नहीं सकी। सोमवार को यह कवायद फिर से हुई। केबल समय पर न जुड़ पाने से दो दिन बंद रहे सरकारी कार्यालय और बैंकों का कामकाज प्रभावित हुआ। सुबह 10 बजे बैंक के खुलते ही इंटरनेट सेवाएं के ठप होने की जानकारी अधिकारियों को हुई। यहां सबसे ज्यादा असर नगर की प्रमुख बैंक शाखाओं पर देखने को मिला। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, एसबीआइ, पीएनबी, इलाहाबाद, यूनियन बैंक सहित अन्य सरकारी बैंकों में कामकाज मध्याह्न तक ठप रहा। बैंक अधिकारियों के फोन घनघनाते ही टीडीएम घनश्याम राय ने एसडीओ ट्रांसमिशन वीबी नाग से केबल को जोड़े जाने के कार्य की जानकारी ली। बचे कार्य को तेजी से निपटाते हुए दोपहर एक बजे तक ब्रॉडबैंड की सेवा को बहाल किया गया है।
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45 घंटे बाद बहाल हुईं सेवाएं
- पीडी नगर स्थित अंडरग्राउंड केबल कटने के बाद शनिवार अपराह्न तीन बजे से लड़खड़ाया बीएसएनएल 45 घंटे बाद संभल सका। टीडीएम घनश्याम राय ने बताया कि कई जगह से केबल कटने से सेवाओं को बहाल करने में देरी हुई। नगर क्षेत्र के अलावा आसपास के कई ब्लाक में भी सेवाएं प्रभावित हुई। बीटीसी के बंद पड़ने से फोन की इंटरनेट सेवाएं भी प्रभावित रही।
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गलती मानने पर छोड़ी जेसीबी
- केबल कटने के बाद जेसीबी सहित चालक को कोतवाली पुलिस ने हिरासत में लिया था। जिस पर ठेकेदार ने जल निगम के अधिकारियों से मुलाकात की। डीएम से मुलाकात कर अधिकारियों ने अमृत योजना के तहत कराए जा रहे कार्य की जानकारी दी। प्रशासनिक अधिकारियों के दखल देने पर बीएसएनएल के अधिकारियों का गुस्सा शांत हुआ। इसके बाद ठेकेदार ने पुलिस से पीछा छुड़ाया।