टाप बाक्स::: राहत मिली तो हस्तशिल्पियों को मिल सकेगा कच्चा माल
रकार ने उद्यम को छूट देने का विचार लॉक डाउन के दौरान ही किया है। इसके बाद यदि ऐसा होता है तो जरी के हस्तशिल्पियों को राहत होगी। वह अधिकतर घर में ही काम करते हैं। जिससे उनके पास फ्रेम आदि तो हैं लेकिन धागा कपड़ा आदि नही है। राहत मिलने पर इनके लिए कच्चे माल का प्रबंधन आसानी से किया जा सकेगा। जिसके बाद वह अपने काम पर लग जाएंगे।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : सरकार ने उद्यम को छूट देने का विचार लॉक डाउन के दौरान ही किया है। इसके बाद यदि ऐसा होता है तो जरी के हस्तशिल्पियों को राहत होगी। वह अधिकतर घर में ही काम करते हैं। जिससे उनके पास फ्रेम आदि तो हैं लेकिन धागा, कपड़ा आदि नही है। राहत मिलने पर इनके लिए कच्चे माल का प्रबंधन आसानी से किया जा सकेगा। जिसके बाद वह अपने काम पर लग जाएंगे।
जिला उद्योग केन्द्र उपायुक्त सविता रंजन भारती ने बताया कि जिले में ओडीओपी के लिए तय लक्ष्य बीते वित्तीय वर्ष में तो पूरे हो चुके हैं। लेकिन नए लक्ष्य और उनके लिए बजट का प्रबंध अब होना है। जो कि लॉक डाउन के कारण फिलहाल संभव नजर नही आ रहा है। गौरतलब है कि ओडीओपी के जरी हस्तशिल्पी सरकार से लोन लेकर अपना स्वयं का कारोबार संचालित कर रहे हैं। जो कि अधिकांश ने घर में ही बना रखा है। इसलिए लॉक डाउन लागू होने के बाद भी इनके लिए श्रमिक, लेबर अथवा आवागमन की कोई समस्या नही है। जिसके पास कच्चा माल, सुई, धागा, फ्रेम व कपड़ा आदि पहले से स्टॉक में है। उसका काम महज इतना रुका है कि उसे फिलहाल बाजार नहीं मिल रही है। जो लॉक डाउन खुलने के बाद मिल जाएगी। समस्या उनको है जिनके पास कच्चा माल ही नही है। ऐसे कारीगरों की मदद फिलहाल संभव नही है। उनको तो यदि लॉक डाउन के दौरान ही नरमी बरती जाए तो कच्चा माल मिल सकता है। 10 हजार हस्तशिल्पी कर रहे काम
जिले में ओडीओपी के तहत जरी जरदोजी का काम 10 हजार हस्तशिल्पी लगे हैं। जिनमें अधिकांश को सरकार ने 25 हजार से लेकर दो लाख रुपए तक ऋण भी सरकार ने दिया है। इनमें कई जहां अब बड़े कारोबारियों में शुमार हो रहे हैं। वहीं तमाम ऐसे हैं जो अभी कड़ी मेहनत के भरोसे जिदा है।