जानलेवा बनी उमस, घर-घर बीमारी
मई-जून में लू के दौरान भी इतनी गर्मी नहीं पड़ी जितनी पिछले 20 दिनों से पड़ रही है। बारिश न होने से उमस जानलेवा बन गई है। घर-घर संक्रामक बीमारियों ने लोगों को अपनी चपेट में ले रखा है।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : मई-जून में लू के दौरान भी इतनी गर्मी नहीं पड़ी जितनी पिछले 20 दिनों से पड़ रही है। बारिश न होने से उमस जानलेवा बन गई है। घर-घर संक्रामक बीमारियों ने लोगों को अपनी चपेट में ले रखा है। जिला अस्पताल में हाल यह है कि हर दिन डायरिया के मरीज भर्ती हो रहे हैं।
सन 2014 के बाद बारिश का औसत बहुत कम रहा है। जुलाई में महज 161 एमएम बारिश हुई है, ऐसे में उमस लोगों को हलकान किए हुए है। हाल यह है कि उमस के कारण पंखे और कूलर की हवा में भी पसीना बहता है। लोग सुबह से लेकर रात तक गर्मी से बेहाल रहते है। हर निगाह आसमान पर बारिश के लिए टिकी रहती है लेकिन बारिश है कि वह बरसने को तैयार नहीं है। हवा बंद होने से मानसून पूरी तरह से सूखा हो गया है। पूर्व की हवा बारिश का करंट बनाती है लेकिन यह हवा चल नहीं रही है। वहीं पश्चिम की भी हवा नहीं चल रही है। हाल यह है कि पिछले 15 दिनों से हवा की रफ्तार 2 किमी प्रतिघंटा रहा जो बहुत कम रही। इस कारण उमस और अधिक तकलीफ देह हो गई है। रविवार को पूरे दिन उमस रही, दोपहर में तेज धूप से लोगों का गर्मी से बुरा हाल हो गया। हर कोई गर्मी से परेशान रहा। अधिकतम तापमान 38 डिग्री रहा जो सामान्य से 4 डिग्री अधिक रहा वहीं न्यूनतम तापमान 29 डिग्री रहा, इतना तापमान भीषण गर्मी में रिकॉर्ड किया गया है। आद्रता का प्रतिशत 24 घंटे 85 से 90 फीसद तक बना रहता है। जिस कारण लोगों को पसीने से तरबतर होना पड़ा रहा है। अधिक पसीने से हो रहा डिहाइड्रेशन का हमला
उमस अधिक होने से शरीर से अधिक पसीना निकल रहा है इस कारण डिहाइड्रेशन लोगों का शिकार कर रहा है। जिला अस्पताल में इस समय 40 से अधिक मरीज भर्ती है। वहीं हर दिन इस तरह के मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ.आलोक पांडेय का कहना है कि नमी अधिक है और पसीना अधिक निकल रहा है, इस कारण लोगों को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए। खूब पानी के साथ डिहाइड्रेशन होने पर नमक पानी की घोल लेना चाहिए।