परीक्षा पर चर्चा में अधूरी रह गई हसरत
तालकटोरा स्टेडियम दिल्ली में आयोजित परीक्षा पर चर्चा 2020 के दौरान जिले से दो होनहार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रूबरू हुए लेकिन उन्हें प्रश्न पूछने का मौका नहीं मिल सका। इनका चयन ऑनलाइन प्रतियोगिता से हुआ है। चयनित छात्रों में एक केंद्रीय विद्यालय और दूसरा डा. वीरेंद्र स्वरूप एजूकेशन सेंटर कुंदन रोड का छात्र है। दोनों छात्र शनिवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। उन्होंने सोमवार को कार्यक्रम में शिरकत की। गौरतलब है कि परीक्षा पर चर्चा 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तालकटोरा स्टेडियम दिल्ली में देशभर से चयनित विद्यार्थियों से वार्ता की गई।
जागरण संवाददाता, उन्नाव: तालकटोरा स्टेडियम दिल्ली में आयोजित परीक्षा पर चर्चा 2020 के दौरान जिले से दो होनहार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रूबरू हुए, लेकिन उन्हें प्रश्न पूछने का मौका नहीं मिल सका। इनका चयन ऑनलाइन प्रतियोगिता से हुआ है। चयनित छात्रों में एक केंद्रीय विद्यालय और दूसरा डॉ. वीरेंद्र स्वरूप एजूकेशन सेंटर कुंदन रोड का छात्र है। दोनों छात्र शनिवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। उन्होंने सोमवार को कार्यक्रम में शिरकत की।
परीक्षा पर चर्चा 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तालकटोरा स्टेडियम दिल्ली में देशभर से चयनित विद्यार्थियों से वार्ता की गई। प्रदेश से 182 विद्यार्थी शामिल रहे। चयनित छात्रों में केंद्रीय विद्यालय में 12वीं के छात्र अभय शंकर मानस पुत्र विजय शंकर तिवारी और डॉ. वीरेंद्र स्वरूप एजूकेशन सेंटर में कक्षा नौ के छात्र अविनाश कुमार अवस्थी पुत्र दिनेश अवस्थी रहे। इन दोनों होनहार छात्रों को प्रधानमंत्री से सवाल करने का मौका नहीं मिल सका। छात्रों के साथ एक-एक शिक्षक उनके स्कूल से गए थे। अभय शंकर के साथ प्रोफेसर संदीप यादव और अविनाश कुमार के साथ स्कूल के मैनेजर अरविद कुमार पांडेय रहे।
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छात्रों से बातचीत..
- छात्र अभय शंकर ने बताया कि यदि उन्हें परीक्षा पर चर्चा में प्रश्न करने का मौका मिलता तो वह पूछते कि शिक्षा में आजादी कहीं न कहीं खत्म हो गई है। कुछ विषयों में छात्र-छात्राओं को जबरन पढ़ाई करनी पड़ती है। जिस क्षेत्र में उन्होंने कॅरियर सोचा है, इस बारे में जानने का प्रयास कम रहता है।
- छात्र अविनाश कुमार अवस्थी का कहना है कि शिक्षा में किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए, भय मुक्त वातावरण होना चाहिए। जिस विषय से उसका लगन नहीं है तो उसे समझते हुए बेहतर मार्गदर्शन होना चाहिए।