मंदिरों में सन्नाटा, हनुमान भक्तों ने किया प्रसाद वितरण
ज्येष्ठ माह के तीसरे बड़े मंगलवार को भी लॉक डाउन के चलते मंदिरों में सन्नाटा रहा। पुजारियों ने श्रंगार और महाआरती कर बाबा बजरंगबली को भोग लगाया। भोग प्रसाद का वितरण भी मंदिर समिति के सदस्यों व पुजारियों के बीच ही हुआ। दूसरी तरफ भक्तों ने घरों में पूजा अर्चना कर राह चलते लोगों में प्रसाद वितरित किया।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : ज्येष्ठ माह के तीसरे बड़े मंगलवार को भी लॉक डाउन के चलते मंदिरों में सन्नाटा रहा। पुजारियों ने श्रृंगार और महाआरती कर बाबा बजरंगबली को भोग लगाया। भोग प्रसाद का वितरण भी मंदिर समिति के सदस्यों और पुजारियों के बीच ही हुआ। दूसरी तरफ भक्तों ने घरों में पूजा अर्चना कर राह चलते लोगों में प्रसाद वितरित किया।
ज्येष्ठ माह के तीसरे बड़े मंगलवार को भी लॉक डाउन के चलते मंदिरों के मुख्यद्वार नहीं खोले गए इससे तमाम बजरंगबली के भक्त बाबा के चरणों में माथा टेकने से वंचित रहे। राजा शुकर सहाय सकूल परिसर स्थित बड़े हनुमान मंदिर में पुजारियों और मंदिर समिति के सदस्यों ने महाआरती कर पवन सुत को भोग लगाया। उधर भिनकीपुर धाम में स्वामी रामस्वरूप बृह्माचारी ने हनुमान जी की पूजा अर्चना कर की। झंडेश्वर महादेव मंदिर में भी महाआरती हुई, यहां भी पुजारी ने अकेले ही नियमित पूजन किया। तीनों ही मंदिरों में अंजनी लाल की प्रतिमा का फूलों से श्रृंगार किया गया। उल्लेखनीय है कि हर वर्ष में ज्येष्ठ माह के बड़े मंगलवार पर जगह जगह प्रसाद वितरण होता था, लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण भक्तों ने कहीं कोई सार्वजनिक पूजन समारोह या प्रसाद वितरण नहीं किया। भक्तों ने घरों में बजरंग बाण, हनुमान चालीसा, हनुमानाष्टक, रामरक्षा कवच आदि का पाठ परिवारिक सदस्यों के साथ कर पूजन किया। सदर विधायक पंकज गुप्ता ने श्रीराम भक्त हनुमान की घर में आराधना करने के बाद क्वारंटाइन सेंटर में ठहरे प्रवासियों के बीच फल और लंच पैकेट का प्रसाद स्वरूप वितरण किया। उधर हिदू जागरण मंच के प्रांतीय मंत्री विमल द्विवेदी ने चौराहों पर ड्यूटी दे रहे कोरोना फाइटर्स पुलिस जवानों में प्रसाद स्वरूप फल का वितरण किया। इसके साथ ही मंदिर के बाहर रह रहे गरीबों को भी फल एवं दक्षिणा दिया।
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मंदिरों के बाहर मुस्तैद रही पुलिस
- ज्येष्ठ माह के बड़े मंगलवार पर किसी मंदिर में भक्त न पहुंचने पाए इसके लिए पुलिस बल की तैनाती रही। पुलिस भी मंदिर की ओर हर आने जाने वाले को रोकती रही। तमाम लोग दर्शन की लालसा लेकर पहुंचे लेकिन उन्हें मुख्यमार्ग से ही हाथ जोड़ मंदिर के सामने शीश झुका वापस लौटना पड़ा।