ऐसा संस्कार दें शिक्षक जिससे हो नया सूर्योदय
जागरण संवाददाता, उन्नाव : शिक्षक ही समाज की रीढ़ होता है। वह मिट्टी के पुतले समान मासूम बच्
जागरण संवाददाता, उन्नाव : शिक्षक ही समाज की रीढ़ होता है। वह मिट्टी के पुतले समान मासूम बच्चे को एक संस्कारी व्यक्तित्व में बदलने की क्षमता रखता है। शिक्षक ही समाज की दशा व दिशा को बदल सकता है। इस समय कुछ लोगों ने इस पेशे को व्यापार बना दिया है जिससे समाज में इसकी छवि कुछ धूमिल हुई है। ऐसे में शिक्षकों को बच्चों को ऐसा संस्कार देना चाहिए जिससे आने वाले समय में एक नया सूर्योदय हो। शिक्षकों का सम्मान करना एक विशेष बात है। यह बातें पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने शहर के निराला प्रेक्षाग़ृह में पूर्व सांसद अन्नू टंडन की ओर से आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में कहीं।
वह मंगलवार को इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थी। इस दौरान उन्होंने जिले के सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानित कर उन्हें उपहार भी भेंट किए गए। इससे पूर्व लखनऊ बाईपास से शास्त्री पार्क तिराहे तक कांग्रेसियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। उन्होंने शास्त्री प्रतिमा पर माल्र्यापण भी किया। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आज के इस माहौल में भी शिक्षकों को सम्मान देने की परंपरा जो उन्नाव जिले में पूर्व सांसद अन्नू टंडन जी ने जीवंत रखी है यह विशेष बात है। पूर्व सांसद अन्नू टंडन ने उनका स्वागत शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। पूर्व सांसद अन्नू टंडन ने शिक्षकों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि शिक्षकों द्वारा समाज व देश के सशक्त लोकतंत्र की रक्षा, दायित्व, कर्तव्यपालन की शिक्षा दी जाती है। कार्यक्रम अध्यक्ष शिक्षक विधायक राज बहादुर ¨सह चंदेल ने कहा कि जन प्रतिनिधि वही बेहतर है जो हमेशा आपके मध्य रहे, आपकी बात सुने व आपकी आवाज बनकर आपको न्याय व ताकत दे। इस मौके पर अनवर खुर्शीद, सै. इरफान, विजय शंकर त्रिपाठी, मीरा ¨सह, अवधेश ¨सह, देव स्वरूप त्रिवेदी, अनूप कुमार मेहरोत्रा, नीरु टंडन, विमल नारायण मेहरोत्रा, डा. सूर्य नारायण यादव आदि उपस्थित रहे।