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खतरे के निशान पर गंगा, बाढ़ भयावह

जागरण संवाददाता, उन्नाव : जिसका डर था वही हुआ, आखिर गंगा ने रविवार को खतरे का निशान

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 07:06 PM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 07:06 PM (IST)
खतरे के निशान पर गंगा, बाढ़ भयावह
खतरे के निशान पर गंगा, बाढ़ भयावह

जागरण संवाददाता, उन्नाव : जिसका डर था वही हुआ, आखिर गंगा ने रविवार को खतरे का निशान (113 मीटर) छू लिया। इससे बाढ़ के और विकराल होने से लोग घरों को छोड़कर जाने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं चारो ओर बाढ़ के पानी से घिरे गावों में लोगों को खाने-पीने तक के सामान की किल्लत होने लगी है। वहीं बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से लोगों को निकालने के लिए किए गए प्रशासनिक इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। घर छोड़ने के बाद लोगों के पास ना तो राशन है और ना ही सिर पर छत। वहीं जिला प्रशासन बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने और उन्हें पर्याप्त सुविधाएं देने का दावा कर रहा है।

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चार दिनों से लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्तर रविवार सुबह आठ बजे खतरे के निशान को छू गया। नरोरा बांध से गुरुवार और शुक्रवार को छोड़ा गया 1.86 लाख क्यूसेक पानी रविवार को यहां पहुंच गया, जिससे कटरी के गांवों में बाढ़ और भयावह हो गई। कटरी और उससे सटे तकरीबन 400 गांवों को बाढ़ ने अपनी जद में ले लिया। पानी के बढ़ने की रफ्तार न थमी तो 24 घंटे के भीतर करीब 100 गांव और बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। गंगा नदी में बढ़े पानी ने उन्नाव तहसील के 67, सफीपुर के 87, बांगरमऊ के 142, बीघापुर के 98 गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। वहीं करीब एक सैकड़ा गांवों के मुहाने तक पानी पहुंच चुका है। सबसे खराब स्थिति सफीपुर के बाबू बंगला, माना बंगला, चंडी बंगला, देवीपुरवा, लल्तू पुरवा, बंदनपुरवा, अतरी, टपरा, पनपथा, गंगादीन खेड़ा, कोलवा व बरौहला की है। यह गांव पूरी तरह से बाढ़ से घिरे है। रविवार को डीएम देवेंद्र पांडेय, एडीएम बीएन यादव, एएसपी अष्टभुजा ¨सह, एसडीएम पूजा अग्निहोत्री ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए। वहीं शुक्लागंज के अंबिकापुरम, गायत्रीनगर भातूफार्म, फत्तेखेड़ा, नेतुआ ग्रामीण, गगनीखेड़ा, चंपापुरवा, मनसुखखेड़ा, हुसैननगर, गोताखोर, करबला, आजादनगर नई बस्ती, छमक नाली, धोबिन पुलिया, सहजनी, रविदासनगर, इंदिरानगर, मनोहरनगर, शक्तिनगर, गंगानगर, श्रीनगर, मालवीयनगर, इस्लामनगर, जाजमऊ, रतीरामपुरवा, मुख्तारनगर आदि मोहल्लों को बाढ़ के पानी ने चारों ओर से घेर लिया है। वहीं लालाखेड़ा, मंझा व धरमपुर की स्थिति और खराब है। यहां के अधिकतर लोग गांव छोड़ गए हैं।

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2.48 लाख क्यूसेक पानी मचाएगा और तबाही

- बीते दिनों की अपेक्षा रविवार को नरोरा बांध से गंगा में 2.48 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसके मंगलवार को जिले में आने की उम्मीद है। यह पानी आते ही गंगा और प्रलयंकारी हो जाएंगी। जानकार बताते हैं कि इस पानी के आने पर जलस्तर करीब दस सेमी और उछल जाएगा। जो बचे हुए गांवों को अपनी जद में ले लेगा।


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