गंगा का कोप हुआ कम, लेकिन टला नहीं
जागरण संवाददाता, उन्नाव : लगातार 21 दिनों तक तीखे रहने के बाद अब गंगा के तेवर कम होते दिख
जागरण संवाददाता, उन्नाव : लगातार 21 दिनों तक तीखे रहने के बाद अब गंगा के तेवर कम होते दिख रहे हैं। लगातार दो दिनों से जलस्तर में कमी आने के बाद आगे भी जलस्तर के कम होने का दावा जानकारों द्वारा किया जा रहा है। दो दिन पूर्व तक खतरे के निशान से 19 सेमी ऊपर बह रही गंगा के जलस्तर में 7 सेमी की कमी आई है। इससे अब खतरा और बढ़ता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि, अभी भी गंगा खतरे के निशान से 12 सेमी ऊपर बह रही है। इससे अभी खतरा कम तो हुआ है लेकिन, टला नहीं है।
गुरुवार को चार सेमी घटने के बाद शुक्रवार दिन में भी गंगा का जलस्तर तीन सेमी घटकर 113.120 सेमी पर थमा रहा। इससे पहले बुधवार को गंगा खतरे के निशान से 19 सेमी ऊपर पहुंचकर 113.190 सेमी तक पहुंच गई थी। लगातार दूसरे दिन भी जलस्तर में कमी आने से एक ओर जहां लोगों ने राहत की सांस ली है वहीं दूसरी ओर बाढ़ से बढ़ी दुश्वारियां अभी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गंगा अभी भी खतरे के निशान से 12 सेमी ऊपर बह रही हैं। जिससे लोगों के घरों में भरा हुआ है और उन्हें रोड किनारे ही राते बिताने को मजबूर होना पड़ रहा है। हालांकि, जानकार बताते हैं कि अब फिलहाल जलस्तर में बढ़ोत्तरी होती नहीं दिख रही है।
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नरोरा व हरिद्वार से आ रही आफत हुई कम
- बीते कई दिनों से नरोरा व हरिद्वार से जिस तेजी से पानी छोड़ा जा रहा था शुक्रवार को इसमें खासी कमी आई है। लगातार दो लाख क्यूसेक से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने से जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही थी। जिसके बाद शुक्रवार को यह 1.85 लाख क्यूसेक पर पहुंच गया जिससे जलस्तर में कमी आ रही है।
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राहत सिर्फ लोगों को, मवेशी फिर रहे मारे-मारे
- जिला प्रशासन हो या जन प्रतिनिधि सभी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रो में जाकर लोगों को राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं। इसमें कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी अपनी भागीदारी दिखा रही हैं। सभी प्रभावितों मदद में आगे आ रहे हैं लेकिन, किसी को भी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित मवेशियों की ¨चता नहीं है और वह मारे-मारे फिर रहे हैं।